भारत में 59 चीनी ऐप प्रतिबंध किए जाने के बाद भारतीय सेना ने अपने इस्तेमाल के लिए सिक्योर एप्लीकेशन फॉर इंटरनेट नाम से एक मैसेजिंग प्लेटफॉर्म डेवलप किया है। खबरों के अनुसार यह ऐप वॉट्सएप, टेलिग्राम, सिग्नल जैसे बड़े ऐप को कड़ी टक्कर दे सकता है। रिपोर्ट्स की मानें तो आर्मी इस एप का इस्तेमाल 1 अप्रैल से शुरू करने जा रही है। वहीं एस ऐप में एंड टू एंड वॉइस, टेक्स्ट और वीडियो कॉलिंग सुविधा वैसी ही होगी, जैसी किसी भी लोकप्रिय सार्वजनिक एप्स में मिलती है।

army soldiers jammu

सुरक्षा के लिहाज से भारत में निर्मित इस ऐप का इस्तेमाल आर्मी के भीतर ही होगा, ताकि सुरक्षित ढंग से इसका इस्तेमाल हो सके। फिलहाल इस ऐप के iOS डेवलपमेंट का काम चल रहा है। दिलचस्प बात यह है कि आर्मी के लिए इस एप को डेवलप करने वाले अफसर का नाम कर्नल साई शंकर है, जो ​इस एप के लिए साइबर और सिक्योरिटी क्लीयरेंस और डेटा टेस्टिंग में जुटे हुए हैं। वहीं जानकारों की माने तो वॉट्सएप, टेलिग्राम व सिग्नल जैसे एप्स के मुकाबले ये एप काफी सुरक्षित है।

भारत-चीन सीमा विवाद बढ़ जान के बाद भारत ने चीन पर डिजिटल स्ट्राइक की थी। जिसके तहत 59 चीनी ऐप को बैन कर दिया गया था। वहीं भारतीय सेना को डेली हंट, टिंडर, फेसबुक, टिकटॉक, ज़ूम, पबजी जैसे करीब 89 एप्स को अपने मोबाइल फोन्स से हटाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद आर्मी के भीतर वॉट्सएप को आधिकारिक तौर पर इस्तेमाल न करने की हिदायतें भी दी गई थीं। यही नहीं, भारतीय सशस्त्र बलों को बेस और डॉकयार्ड पर स्मार्टफोन इस्तेमाल करने तक की मनाही थी।

banned app

आत्मनिर्भर भारत के तहत और बॉयकॉट चाइना के बाद इंडियन आर्मी ने SAI डेवलप किया तो राष्ट्रीय सूचना सेंटर ने Sandes और सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलिमे​टिक्स ने SAMVAD जैसे एप डेवलप किए। सभी ऐप सुरक्षा के मामले में कही अधिक कारगार साबति हो रहे हैं।

रक्षा मंत्रालय ने अक्टूबर 2020 में SAI ऐप के बारे में ऐलान करते हुए कहा था कि इस एंड्रॉयड एप में सिक्योरिटी फीचर गज़ब के हैं और ये लोकल इन हाउस सर्वर व कोड्स पर आधारित है, जिन्हें ज़रूरत के हिसाब से बदला या रद्द भी किया जा सकता है। इस ऐप का पुनरीक्षण आर्मी के साइबर ग्रुप और CERT-in के ऑडिटर ने किया है, जिसे फिलहाल इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स के लिए फाइल किया गया है

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here