पर्यावरण को बचाने वाले और ऑक्सीजन देने वाले सैकड़ों हरे-भरे पेड़ों पर आरियां चला दीं गईं। मामला पौड़ी जिले के थैलीसैण क्षेत्र का है। जहां सैंकड़ों कीमती पेड़ों को अवैध तरीके से रातों-रात काट दिया गया जिससे इस क्षेत्र में पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचा है। वन माफियाओं ने पर्यावरण संरक्षण में अहम भूमिका निभाने वाले बांज, बुरांस जैसे कई अन्य प्रजाति के पेड़ों  की को काट डाला। इसके पीछे बड़े लोगों का हाथ होने की संभावना जताई गई है।

मोटरमार्ग के निर्माण में बाधा बने कीमती हरे-भरे पेड़ों  को काटा

दरअसल, थैलीसैण क्षेत्र में बैजरो, जोगीमढी-सराईखेत होते हुए जनपद अल्मोड़ा को जोड़ने वाले मोटरमार्ग को बनाने की अनुमति साल 2006 से ही लंबित थी। वन विभाग इसकी मंजूरी नहीं दे रहा था क्योंकि इस मोटरमार्ग में पर्यावरण संरक्षण में अहम भूमिका निभाने वाले बांज बुरांस जैसे कई अन्य प्रजाति के पेडो की संख्या बहुत ही अधिक थी। जिससे मोटरमार्ग का निर्माण भी कार्य पिछले 12 सालों से लटका पडा था।

रातों-रात ऑक्सीजन देने वाले सैकड़ों हरे-भरे पेड़ों पर चलीं आरियां

यहां रातों रात वन विभाग की नियमावली को दरकिनार करते हुए क्षेत्र में रातों रात कुछ अज्ञात लोगों द्वारा बिना किसी अनुमति के ही सैंकड़ों हरे पेड़ों  पर आरियां चला दीं गईं। इन हरे पेड़ों को रातों रात काटने से डीएफओ गढ़वाल लक्ष्मण सिंह ने भी हैरानी जताई है। मामले की जांच शुरू कर दी गयी है।

डीएफओ ने डीएम को ऐक्शन के लिए लिखा पत्र

इन पेड़ों को जिन इलाकों में काटा गया है वह जिला प्रशासन के कार्यक्षेत्र के दायरे में आता है। ऐसे में इन पेड़ों का कटान होने के कारण डीएम को कार्यवाई के लिये भी वन विभाग पत्र भेजा चुका है। पूछने पर डीएम पौड़ी सुशील कुमार ने भी जांच करवाने का आश्वासन दिया है।

माफियाओं ने बांज, बुरांस के कई पेड़ों को काटा, पर्यावरण को भारी नुकसान

इस मोटरमार्ग का शिलान्यास 2006 में सांसद रहे सतपाल महाराज और उस दौर में उत्तराखंड में कैबिनेट मंत्री रही अमृता रावत द्वारा किया गया था। लेकिन वन विभाग वर्ष 2006 से ही रास्ते में हरे-भरे बेशकीमती पेड़ों के आने से सडक निर्माण की अनुमति नहीं दे रहा था। ऐसे में आशंका इसी बात की है कि, किसी सफेदपोश के इशारे पर उनके गुर्गों ने पेड़ों को इस उम्मीद में काट डाला हो कि पेड़ों के नहीं रहने पर मोटरमार्ग का निर्माण कराया जा सके। ऐसे में उम्मीद है कि पुलिस-प्रशासन मामले की कड़ाई से जांच करेगा और दोषी जेल जाएंगे।

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