मसानजोर डैम पर पश्चिम बंगाल और झारखंड सरकार के बीच चल रहे गतिरोध पर प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने रघुवर दास सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने इसे राजनीति से प्रेरित मुद्दा बताया। साथ ही सरकार पर बड़ा हमला करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि झारखंड में सरकार नहीं चल रही। यहां असामाजिक तत्वों का राज है।

हेमंत सोरेन ने कहा कि नेता, मंत्री और अधिकारियों के बयान अशोभनीय हैं। राज्य के पुलिस महानिदेशक कहते हैं कि छह इंच छोटा कर देंगे। एक मंत्री हैं, जो कहती हैं कि आंख निकाल लेंगे। उन्होंने कहा कि मसानजोर डैम को लेकर जो विवाद है, वह कोई नया मुद्दा नहीं है। बयानबाजी करके इसे राजनीतिक रंग दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग देश के किसी भी कोने में जाकर ठेकेदारी कर सकते हैं। मुझे मालूम हुआ है कि कोई टेंडर निकला था। भाजपा नेता को यह टेंडर नहीं मिला, तो यहां आकर मसानजोर डैम का विवाद खड़ा कर दिया।

उन्होंने कहा कि बयानबाजी की शुरुआत ठेका-टेंडर की वजह से हुई। भारतीय जनता पार्टी के जिला के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता (जो ठेकेदार भी हैं और व्यवसाय भी करते हैं) ने ठेका नहीं मिलने पर इस विवाद को जन्म दिया। उन्होंने कहा कि सरकार लैंड बैंक के नाम पर जमीन का अधिग्रहण कर रही है। लेकिन, सच्चाई यह है कि मसानजोर डैम के विस्थापितों को समुचित मुआवजा उन्हें आज तक नहीं मिला।

उन्होंने कहा कि यह कोई नया मुद्दा नहीं है। आप इसे राजनीति से प्रेरित बयान कह सकते हैं। उन्होंने कहा कि वे लोग पहले से ही मांग करते रहे हैं कि मसानजोर डैम के पानी के इस्तेमाल की अनुमति झारखंड को मिले। सोरेन ने कहा कि चूंकि यह दो राज्यों के बीच का मसला है, डैम के स्वामित्व और इसके पानी के इस्तेमाल पर फिर से विचार होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि सीमित संसाधन के साथ मसानजोर डैम के पानी का इस्तेमाल करने का प्रयास किया गया। कनाल की लाइनिंग की गयी, ताकि झारखंड के लोगों को भी डैम का लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि मसानजोर डैम पर सरकार के मंत्री और नेता जो बयान दे रहे हैं, वह राजनीतिक व्यक्ति का बयान नहीं है।

ब्यूरो रिपोर्ट, एपीएन

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