Heeraben Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन मोदी का शुक्रवार की सुबह निधन हो गया। मां के निधन से दुखी नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद में हीराबेन के पर्थिव शरीर को कंधा दिया और सारे भाईयों ने मिलकर मां को मुखाग्नि दी। हीराबेन ने 100 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। बता दें कि बुधवार को तबीयत बिगड़ने के कारण उन्हें अहमदाबाद के मेहता अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां खुद पीएम मां से मिलने पहुंचे थे।
अपने जीवन के 100 साल और 6 बच्चों की अकेले परवरिश करने वाली हीराबेन ताउम्र संघर्षशील रही। उम्र के इस पड़ाव पर पहुंचने के बाद भी वह अपना सारा काम खुद से करती थी। समय-समय पर प्रधानमंत्री मोदी उनसे मिलने जाया करते थे, इस दौरान वह मां-बेटे की कई ऐसी तस्वीरें हैं जिसने सभी का दिल जीत लिया। ताउम्र संघर्ष करने वाली हीराबेन के जीवन के ऐसे पहलू जो शायद ही कोई जानता हो, ऐसे में आइए हम आपको बतातें हैं पीएम मोदी की मां हीरा बा के बारे में सबकुछ…
Heeraben Modi: 15 साल की उम्र में ही हो गई थी शादी
हीराबेन का जन्म 18 जून 1923 को मेहसाणा मं हुआ था। हीराबेन ने जीवन की शुरुआत से लेकर काफी लंबे समय तक संघर्ष किया। उनका विवाह महज 15-16 साल की उम्र में दामोदरदास मूलचंद मोदी से हो गया था। नरेंद्र मोदी के पिता दामोदरदास चाय बेचा करते थे। हीराबेन और दामोदरदास की 6 संतानें हुईं। नरेंद्र मोदी तीसरे नंबर की संतान हैं। घर की आर्थिक स्थिति मजबूत न होने के कारण और 6 बच्चों को संभालते हुए हीरा बा पूरा जीवन बीत गया। हीरा बा भले ही खुद कभी शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाई लेकिन उन्होंने अपने सभी बच्चों को शिक्षा देने के लिए खूब मेहनत की और दूसरों के घरों में जाकर काम किया।
Heeraben Modi: कभी हिम्मत नहीं हारी, छत के टपकते पानी का भी कर लेती थी इस्तेमाल
नरेंद्र मोदी का मां हीराबेन घर चलाने के लिए दूसरों के घरों में बर्तन साफ करती थी। 6 बच्चों को पालने के लिए उन्होंने खूब संघर्ष किया। घरों में बर्तन मांजने के अलावा वह चरखा चलातीं और सूत कातती थी। बताया जाता है कि हीरा बा दूसरों पर निर्भर रहने या अपना काम करने के लिए दूसरों से अनुरोध करने से बचती थीं। हीरा बेन और उनका परिवार मिट्टी के घर में रहता था और मानसून के समय मिट्टी का घर उनके लिए मुसीबत बन जाता था। बरसात के दिनों में उनके घर की छत टपकती थी और घर में पानी भर जाता था। तब पीएम की मां छत से टपक रहे पानी को बर्तन में इकट्ठा कर लेती थीं। ऐसी परिस्थिति में भी हीरा बा सहनशीलता का प्रतीक थी।
Heeraben Modi: एक हफ्ते में 5 दिन बाजरे की रोटी और कढ़ी खाकर किया गुजारा
पीएम मोदी के परिवार में बहुत गरीबी थी। मगर हीरा बा ने कभी हार नहीं मानी। उन्होंने हिम्मत से काम लिया उन्हें एक-एक रुपये को कैसे खर्च करना है ये पता था। वहां अपने बच्चों को सप्ताह के 5 दिन कढ़ी और बाजरे की रोटी खिलाती थी। कढ़ी बनाने के लिए उस समय छाछ मुफ्त मिला करता था। कढ़ी बनाने में वह थोड़ा का बेसन डालती और एक बेगन और छाछ से कढ़ी बनाकर अपने 6 बच्चों का पेट भरती थी।
Heeraben Modi:जब परिवार के लिए चोरों से भीड़ गई हीरा बेन
हीरा बा के बेटे और प्रधानमंत्री के भाई प्रह्लाद मोदी ने मीडिया से बात करते हुए मां के बारे में काफी किस्से सुनाए हैं। उनमें से एक किस्सा बेहद दिलचस्प है। प्रह्लाद मोदी ने बताया कि एक बार उनके घर की दीवार गिरी हुई थी। मां घर में सो रही थीं, उनके बगल में ही छोटी बहन थी। उसी समय चोर आ गए, उनके हाथ में हथियार थे। इसके बावजूद पीएम मोदी की मां डरी नहीं उन्होंने चोरों का निशस्त्र मुकाबला किया और चोरों को वहां से भागना पड़ा।
Heeraben Modi: हर समय काम में व्यस्त रहती थीं हीरा बेन
प्रह्लाद मोदी बतातें हैं कि उनकी मां सुबह से शाम तक काम में ही व्यस्त रहती थी। वह सुबह और शाम दो बार कुएं से पानी खींचकर लाती थीं। कपड़े धोने के लिए तालाब जाती थीं। उन्होंने अधिकांश समय घर में खाना खाया वह बाहर खाना खाने से बचती थीं। हीरा बा को आइसक्रीम काफी पसंद थी वह इसके लिए कभी मना नहीं करती थीं। वह सुबह 4 बजे उठ जाया करती थीं और दिन भर कामों में लगी रहती थीं।
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