डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय से संबंधित संस्थानों के स्टूडेंट संस्कृत के श्लोकों के जरिए विज्ञान का पाठ पढ़ेंगे। गुरुवार को योग दिवस के मौके पर विवि परिसर में प्राचीन ज्ञान गंगा के साथ इसकी शुरुआत की गई। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश संगठन मंत्री सुनील बंसल व प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने इसका लोकार्पण किया।

ज्ञान गंगा के तहत विवि परिसर में जगह-जगह पर बोर्ड लगाए गए हैं। इन बोर्डों पर संस्कृत के श्लोक और उनके अर्थ भी लिखे गए हैं। ये सभी श्लोक आधुनिक विज्ञान पर आधारित हैं। इन बोर्डों पर संस्कृत के श्लोक का हिंदी रूपातंरण के साथ ही अंग्रेजी में भी उसका अर्थ लिखा गया है। जिससे हर कोई श्लोक के भाव को आसानी से समझ सके।

विवि के कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक ने बताया कि प्राचीन विज्ञान गंगा में विभिन्न वैदिक शास्त्रों के करीब 150 श्लोकों को प्रदर्शित किया गया है। परिसर के तीनों भवनों, प्रशासनिक भवन, एकेडमिक व डिजिटल लाइब्रेरी के आसपास बोर्ड लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि छात्रों को पौराणिक ग्रंथों में रेखांकित सिद्धांतों पर आधारित आधुनिक विज्ञान व तकनीकी से अवगत कराने के लिए प्राचीन विज्ञान गंगा की स्थापना की गई है।

कुलपति के मुताबिक  प्राचीन भारतीय विज्ञान के समृद्धता को पूरी प्रमाणिकता व सहजता के साथ इंजिनियरिंग छात्र-छात्राओं तक पहुंचाना इसका लक्ष्य है| यह श्लोक मुख्यतः विमान शास्त्र, खगोल विज्ञान, सौर ऊर्जा वास्तुकला, इंजिनियरिंग, कृषि विज्ञान, धातु विज्ञान, भूगोल, रसायन व भौतिकी के सिद्धांतो को स्पष्ट करते हैं|

विवि के कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक ने योग दिवस के मौके पर कहा कि योग विज्ञान पर शोध व योग सम्बन्धी इनोवेटिव आइडिए पर कार्य करने वाले छात्र-छात्राओं विवि की ओर से सहयोग दिया जाएगा। यह क्षेत्र ऐसा है जिस पर अभी बहुत काम होना बाकी है। इसमें स्टार्टअप से लेकर विद्यार्थी योग पर शोध तक का प्रपोजल रख सकते हैं।

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