अयोध्या में विवादित रामजन्मभूमि में मंदिर निर्माण की वकालत करते हुये उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रामनाईक ने गुरूवार को कहा कि इस संवेदनशील मसले में सभी पक्षों को न्यायालय के फैसले का इंतजार करना चाहिये और सर्वसम्मति से उसका पालन करना चाहिये। रामनाईक ने कहा कि राममंदिर निसंदेह आस्था का विषय है मगर यह मसला अभी उच्चतम न्यायालय के पास विचाराधीन है। इसलिये इस बारे में जल्दबाजी अथवा अनर्गल बयानबाजी का कोई स्थान नही है। न्यायालय का जो भी फैसला आयेगा, उसका सम्मान करना चाहिये।

बेटियों की शिक्षा पर जोर देते हुये उत्तर प्रदेश के राज्यपाल ने कहा कि बेहतर शिक्षा से ही समाज आगे बढ़ेगा। लड़किया समाज का बेहद अहम अंग है। उनकी बेहतर शिक्षा समाज को जागरूक बनाने में मददगार होगी। उन्होने कहा कि बेहतर शिक्षा के लिए सरकार दृढ़ संकल्पित है। प्रदेश में अब नकल विहीन परीक्षा होगी। अब कही भी नकल का गोरख धंधा नही चलेगा।

जिले के मड़ियाहूं क्षेत्र के मालती महाविद्यालय अम्बरपुर बेलवा में आयोजित वार्षिकोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि रामनाईक ने कहा कि मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश का चहुंमुखी विकास हो रहा है। और लोग भी प्रदेश विकास के बारे में सोचेंगे तो यह और तेज होगा। उन्होंने कहा कि मैं राज्यपाल जरूर हूं, लेकिन मेरी पत्नी भी शिक्षक थी। शिक्षा को बेहतर बनाने में हमेशा सक्रिय रहता हूँ।

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की वकालत करते हुए रामनाईक ने कहा कि प्रदेश में 28 में 26 विश्वविद्यालयों में दीक्षांत समारोह होता है। गए साल में 15 लाख 60 हजार को उपाधियां दी गई। उसमे 7 लाख 98 हजार बच्चियां थी। बेटियां आज हर क्षेत्र मे आगे बढ़ रही है। स्थिति यह हो गई है कि लड़कों को आरक्षण मांगने की नौबत आ गई है। राज्यपाल ने कहा कि 19 विश्वविद्यालय के दीक्षांतों में 9 लाख उपाधियां बाटी गई, जिसमे 54 प्रतिशत भागीदारी लड़कियों की थी।

उन्होने अभियान की मजबूती पर जोर देते हुए पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी के आंदोलन सर्व शिक्षा अभियान की जमकर सराहना की और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे आगे बढाया , वे पुनः देश के प्रधानमंत्री बने तभी देश का सम्पूर्ण विकास संभव है।

राज्यपाल रामनाईक ने कहा कि बेटियों के लिए जो अभियान चल रहा उसकी वजह से हर सेवा में महिलाये यहां तक कि सेना में भी इनकी मौजूदगी है। प्रभु राम को वनवास के आदेश तो जनता ने गलत बताया, तो राम ने कहा कि पुत्र धर्म के नाते वनवास जाऊंगा। लक्ष्मण को रोकने लगे तो उन्होंने भ्रातृ धर्म की बात कही। धर्म ये है, लोग इसका गलत अर्थ न लगाएं। छात्र भी अपने छात्र धर्म का पालन करें। छात्रों को मंत्र देते हुए कहा पहला मंत्र मुस्कुराते रहो। दूसरा लोगों को प्रोत्साहन, तीसरा किसी का अपमान न करें वरना आपकी प्रगति नहीं होगी, चौथा अच्छा काम करो।

                                                                                                –साभार,ईएनसी टाईम्स

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