महिलाओं की सुरक्षा को लेकर देश भर में व्याप्त चिंताओं का एक साथ समाधान करने के उद्देश्य से सरकार राष्ट्रीय महिला सुरक्षा मिशन शुरू करने की योजना बना रही है। केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार इस मिशन में संबंधित मंत्रालयों एवं विभागों को जोड़ा जायेगा तथा वे कुछ विशेष कार्य हाथ में लेकर उनका समयबद्ध ढंग से क्रियान्वयन करेंगे। अधिकारियों के अनुसार बच्चों को संवेदनशील बनाने, स्कूल पाठ्यक्रम में समुचित बदलाव, व्यापक जागरूकता के लिए मीडिया अभियान, पोर्न सामग्री एवं ऑनलाइन सामग्री के प्रसार को रोकना भी इस मिशन का उद्देश्य है।

राष्ट्रीय महिला सुरक्षा मिशन के माध्यम से महिलाओं खासकर नाबालिग बच्चियों के साथ के विरुद्ध होने वाले अपराध के विरुद्ध प्रभावी एवं विश्वसनीय जवाबी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। इसके तहत समयबद्ध ढंग से कदम उठाये जाएंगे। विधि एवं न्याय मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, गृह मंत्रालय के बीच समन्वय बढ़ाया जाएगा। इस मिशन में पाठ्यक्रम में बदलाव के लिए स्कूली शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग भी जुड़ेंगे। बलात्कार एवं महिला सुरक्षा के अन्य मामलों में समयबद्ध ढंग से विवेचना एवं अभियोजन चले, इसकी निगरानी की जाएगी तथा जागरूकता के लिए मीडिया अभियान चलाया जाएगा।

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 21 अप्रैल को आपराधिक कानून (संशोधन) अध्यादेश 2018 को लागू करने के गृह मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी और महिलाओं की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए आपराधिक कानूनों के प्रावधानों को बदलने के लिए प्रभावी उपाय किये जा रहे हैं। मंत्रिमंडल ने बलात्कार के मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक विशेष अदालतों के गठन को भी मंजूरी दे दी है। इन विशेष अदालतों का गठन उच्च न्यायालयों एवं राज्य सरकारों के परामर्श के आधार पर किया जाएगा। मिशन के तहत सभी अस्पतालों एवं थानों में बलात्कार के मामलों के लिए विशेष फोरेंसिक किट का प्रावधान किया जाएगा ताकि फोरेंसिक साक्ष्यों की गुणवत्ता सुधारी जा सके और अभियोजन पक्ष मज़बूती से मुकदमे को अंजाम तक पहुंचा सके।

सभी राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों में अत्याधुनिक फोरेंसिक प्रयोगशालाएं बनायीं जाएंगी। ऐसे अपराधों के आरोपियों या भगोड़े अपराधियों की सूचनायें राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो अलग से दर्ज करेगा और उसे नियमित रूप से सभी राज्यों के साथ साझा करेगा। गृह मंत्रालय में महिलाओं, बच्चों एवं बुजुर्गों के विरुद्ध अपराधों, तस्करी आदि के लिए  एक पृथक विभाग बनाया है।

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