केंद्र सरकार की गोल्ड बॉन्ड योजना की शुरुआत हो गई है। सरकार की 2018-19 के लिए ये स्वर्ण बांड योजना फरवरी तक 5 किस्तों में चलाई जाएगी।  आज से ये बांड 19 अक्टूबर तक के लिए खुला है और बॉन्ड का सर्टिफिकेट 23 अक्टूबर को जारी होगा। गोल्ड बॉन्ड का इश्यू प्राइस सोने के मौजूदा बाजार से करीब 3 फीसदी नीचे है, क्योंकि ऑनलाइन पेमेंट पर 50 रुपये का छूट भी मिल रही है। रिजर्व बैंक ने कहा कि तय कार्यक्रम के तहत सरकारी स्वर्ण बॉन्ड योजना अक्तूबर 2018 से फरवरी 2019 तक हर महीने जारी की जाएगी। बांड की बिक्री बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन आफ इंडिया लि.(एसएचसीआईएल), मनोनीत डाकघरों तथा मान्यता प्राप्त शेयर बाजारों नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और बीएसई लिमिटेड के जरिये की जा रही है।

अगला चरण 5 नवंबर को खुलेगा और 9 नवंबर को बंद होगा। उसके बाद यह 24 दिसंबर को आएगा और 28 दिसंबर को बंद होगा। चौथा और पांचवां चरण 14 से 18 जनवरी और 4 से 8 फरवरी को खुलेगा। चालू वित्त वर्ष में सरकारी स्वर्ण बांड योजना का पहला चरण 16 अप्रैल को खुला था। गौरतलब है कि इस योजना की शुरुआत नवंबर 2015 में हुई थी। इसका मकसद भौतिक रूप से सोने की मांग में कमी लाना तथा सोने की खरीद में उपयोग होने घरेलू बचत का इस्तेमाल वित्तीय बचत में करना है।

ऑनलाइन और डिजिटल पेमेंट करने वाले निवेशकों को गोल्ड बॉन्ड पर 50 रुपये का डिस्काउंट दिया जा रहा है। इंडिविजुअल 500 ग्राम और हिन्दू संयुक्त परिवार एक साल के दौरान अधिकतम 4 किलोग्राम सोने की कीमत के बराबर तक का बॉन्ड खरीद सकते हैं। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के लिए परचेज प्राइस 3,146 रुपए प्रति ग्राम है. ट्रस्ट और वित्तीय वर्ष के समान इकाइयों के मामले में निवेश की ऊपरी सीमा 20 किलोग्राम है। बॉन्‍ड पर सालाना कम से कम ढाई फीसदी का रिटर्न मिलेगा। गोल्ड बॉन्ड में किसी तरह की धोखाधड़ी और अशुद्धता की संभावना नहीं होती है। ये बॉन्ड्स 8 साल के बाद मैच्योर होंगे। मतलब साफ है कि 8 साल के बाद भुनाकर इससे पैसा निकाला जा सकता है।

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