पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता गौरी लंकेश हत्याकांड की जांच कर रही विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने शहर की एक अदालत में दाखिल किए गए अपने अतिरिक्त आरोप पत्र में दक्षिणपंथी संगठन सनातन संस्था को नामजद किया है। विशेष जांच दल ने प्रधान दीवानी एवं सत्र अदालत में शुक्रवार को नौ हजार 235 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया है। साथ ही यह भी कहा गया कि लंकेश की हत्या की साजिश करीब पांच लोगों ने रची थी। इसमें कहा गया है कि गोवा स्थित सनातन संस्था के अंदर के एक नेटवर्क ने लंकेश को निशाना बनाया लेकिन इसका कोई निजी कारण नहीं था।

विशेष लोक अभियोजक एस बालन ने बताया,’मृतक और हत्यारे के बीच निजी या कोई अन्य रंजिश नहीं थी। उन्हें इसलिए मारा गया क्योंकि वह एक खास विचारधारा को मानती थीं, उसके बारे में बोलती और लिखती थीं। इसलिए यह अवश्य ही कोई विचारधारा और किसी संगठन का मानने वाला रहा होगा।’

विशेष जांच दल ने इस मामले की जांच आगे भी जारी रखने की इजाजत मांगी है। इससे पहले मई में जांच दल ने इस सनसनीखेज मामले में पहला आरोप पत्र दाखिल किया था। वाम समर्थक और हिंदुत्व विरोधी विचारों के लिए जानी जाने वाली 55 वर्षीय लंकेश की पिछले साल पांच सितंबर को उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिससे पूरे देश में रोष फैल गया था। इसके बाद सिद्धारमैया सरकार ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया था। एसआईटी के सूत्रों ने पीटीआई-भाषा को बताया कि इस मामले में अब तक शूटर परशुराम वाघमारे और हत्या के मास्टरमाइंड अमोल काले, सुजीत कुमार उर्फ प्रवीन और अमित देगवेकर समेत 18 लोग आरोपी हैं। इस गैंग पर बुद्धिजीवियों एम एम कलबुर्गी, नरेंद्र दाभोलकर और गोविंद पानसरे की हत्या में शामिल होने का भी संदेह है।

कर्नाटक का गृह विभाग की जिम्मेदारी भी संभाल रहे उप मुख्यमंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि सरकार लंकेश की हत्या में शामिल संगठन को प्रतिबंधित करने के लिए जल्द ही कदम उठाएगी। बहरहाल, उन्होंने जांच में हुई प्रगति का ब्यौरा देने से इनकार कर दिया।

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