जिस भारतीय समाज को पूरी दुनिया जानने और समझने की कोशिश में लगी रहती है। ऐसा समाज दुनिया के सामने किस तरह का आईना पेश कर रहा है पता नहीं। मेरठ में एक लड़की के साथ बलात्कार और उसे ब्लैकमेल करने का मामला सामने आया है। मेरठ पुलिस के मुताबिक पीड़िता के परिजन और पंचायत सदस्यों ने बीच-बचाव कर मामला सुलझाना चाहा लेकिन ऐसा नहीं हो सका। अब पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। बता दें कि  मेरठ के छतरी गांव के दो दबंगों ने दलित किशोरी को अपनी हवस का शिकार बनाया और अश्लील वीडियो बनाकर चार महीने तक ब्लैकमेल करते थे। इसका खुलासा किशोरी के गर्भवती होने पर हुआ।

सबसे बुरी बात ये रही कि पंचायत ने गैंगरेप की शिकार दलित नाबालिग पीड़िता पर 3 लाख रुपये के बदले मामले को रफा-दफा करने के लिए दबाब बनाया। हालांकि अब मामला पुलिस के कंट्रोल में है। पुलिस ने शुक्रवार को मामले में संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गैंगरेप के दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। बाकी आरोपियों को पकड़ने के लिए टीम गठित की जा चुकी है। पुलिस ने बताया कि परिवार और पंचायत खुद से मामले में समझौते का प्रयास कर रहे थे लेकिन अब केस हमारे हाथ में है।

पीड़ित लड़की चूंकि अनुसूचित जाति से है, इसलिए इस मामले में एससी/एसटी कानून के तहत भी धाराएं लगेंगी। जानकारी के मुताबिक, पीड़िता अपने परिजनों के साथ रोजाना पड़ोस के ही गांव में मजदूरी करने जाती थी। वहीं गांव के ही दो दंबगों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और वीडियो क्लिप भी बना ली थी।

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