नक्सल प्रभावित इलाकों में भी अब विकास के नए आयाम देखने को मिल रहे हैं। कभी हार्ड कोर नक्सलवाद का हिस्सा रहे लोग भी मुख्यधारा की ओर लौटने लगे हैं। जहां एक तरफ हाल ही में 15 लाख के इनामी नक्सली कुंदन पाहन ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया वहीं एक महिला नक्सली की बेटी ने भारत की राष्ट्रीय महिला वॉलीबॉल टीम में स्थान पाकर एक नया इतिहास रच दिया है।

पूर्व माओवादी रही महिला की बेटी को शानदार प्रदर्शन की बदौलत अंडर-18 भारतीय वॉलीबॉल टीम में शामिल किया गया है। 15 साल की सिरिसा कुरामी का चयन भारत की अंडर-18 नेशनल वॉलीबॉल टीम में हुआ है। टीम इंटरनेशनल वॉलीबॉल टूर्नामेंट खेलने चीन जाएगी। सिरिका कालीमेला स्थित सरकारी गर्ल्स हाई स्कूल की छात्रा है। यह स्कूल अनुसूचित जाति व जनजाति विभाग द्वारा चलाया जाता है।  सिरिका ने इस साल 19-24 अप्रैल को केरल के एर्नाकुलम में हुए जूनियर नेशनल वॉलीबॉल चैंपियनशिप के कैंप में शानदार प्रदर्शन किया था। इससे पहले  सिरिका ने  जिले और राज्य स्तर पर वॉलीबॉल में 10 से ज्यादा पदक जीते हैं। बता दें  कि सिरिका की मां चेलेम्मा कुरामी माओवादी रह चुकी हैं। चेलेम्मा 1990 में माओवादी संगठन में शामिल हुई थी लेकिन 1994 में माओवादियों द्वारा किए जा रहे बेवजह कत्लेआम और हिंसा से तंग आकर  संगठन से अलग हो गई थी। चेलेम्मा आंध्र प्रदेश और ओडिशा, दोनों राज्यों में वॉन्टेड थी।  उन्होंने दोनों राज्यों में सजा भुगती है।  वह मलकानगिरी से वर्ष 2000 में रिहा हुई हैं।

सिरिका की सफलता यह दर्शाती है कि मेहनत के बल पर भी मुकाम बनाया जा सकता है ,भले ही हमारी पृष्ठभूमि कुछ भी रही हो।

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