जो मुस्लिम महिला ब्यूटी पार्लर में जाती हैं और सजने संवरे के लिए बाल कटवाती हैं, आई-ब्रो बनवाती हैं, उनके खिलाफ फतवा जारी किया गया है। जी हां, मुस्लिम महिलाओं के बाल कटवाने और आई-ब्रो बनवाने को नाजायज मानते हुए दारुल-उलूम ने यह फतवा जारी किया है। इसकी जानकारी देवबंद के मौलाना काजमी ने दी है।

फतवे का ऐलान करते हुए मौलाना काजमी ने कहा कि दारुल ने जो फतवा जारी किया है उसे और पहले दे देना चाहिए था। आजकल माहौल बहुत खराब है। मुस्लिम महिलाएं बहुत ही शौक के साथ ब्यूटी पार्लर का इस्तेमाल कर रही हैं। काजमी ने कहा कि, जिस तरह से मुस्लिम धर्म में आदमी को दाढ़ी कटाना हराम है, उसी तरह से मुस्लिम औरतों का बाल कटवाना और आई-ब्रो बनवाना बिल्कुल नाजायज है।

यह पहली दफा नहीं है जब मुस्लिम औरतों के लिए फतवा जारी किया गया हो। इससे पहले अप्रैल 2017 में उलेमा-ए-हिंद के एक मौलाना ने एक विवादित बयान दिया था। मौलाना ने कहा था कि मुस्लिम महिलाओं का नौकरी करना इस्लाम के खिलाफ है।

तब उलेमा-ए-हिंद के प्रदेश अध्यक्ष और देवबंद के मौलाना नदीम उल वाजदी ने कहा था कि मुस्लिम महिलाओं को  नौकरी करने की बजाय उन्हें घर में रहकर चूल्हे चौके और बच्चों की देखभाल करना चाहिए। इतना ही नहीं उन्होंने उन मुस्लिम महिलाओं को सुझाव दिया था कि जो मुस्लिम महिलाएं काम कर रही हैं, उन्हें काम करते वक्त चेहरा ढक लेना चाहिए और फिर काम करना चाहिए।

जम्मू-कश्मीर में ऐसे ही भी कुछ मुस्लिम लड़कियों के खिलाफ फतवा जारी किया गया था, जिन्होंने अपना एक संगीत बैंड खोला था। उस दौरान कश्मीर के नेताओं ने यह कहकर फतावा जारी किया था कि इस्लाम में लड़कियों का गाना गाना नाजायज है।

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