उत्तराखंड में परिसीमन को लेकर फंसा पेंच निकाय चुनाव की प्रक्रिया को कोर्ट तक पहुंचा सकता है। संवैधानिक रूप से तय समय के अंदर चुनाव सम्पन्न करवाने संबंधी चुनाव आयोग के कार्यक्रम को अगर 2 अप्रैल तक सरकार की हरी झंडी नहीं मिलती है तो आयोग हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा। दरअसल, प्रदेश में निकाय चुनाव की तैयारी को लेकर पेंच फंस गया है।  नए ग्रामीण इलाकों को नगर निकाय में शामिल करने संबंधी कवायद में हाईकोर्ट के नए दिशा-निर्देशों के कारण देरी हो रही है।  इस बीच मौजूदा निकाय बोर्डों की समय सीमा खत्म हो रही है।  इस स्थिति को देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रदेश सरकार को निकाय चुनाव का कार्यक्रम भेजा था।  इस कार्यक्रम के मुताबिक 26 से 29 अप्रैल के बीच हर हाल में निकाय चुनाव और मतगणना करवा लेने का सुझाव दिया गया है। मुश्किल यह है कि हाईकोर्ट के निर्देशों के मुताबिक जब तक कुछ इलाकों में परिसीमन को लेकर आपत्तियों का निस्तारण नहीं हो जाता तब तक सरकार आगे कोई कदम नहीं उठा सकती है।  इस कारण सरकार ने चुनाव आयोग के कार्यक्रम को अभी हरी झंडी नहीं दी है।  राज्य के निर्वाचन आयुक्त सुबर्धन ने बताया है कि 3 मई तक नए बोर्ड का गठन हो जाना चाहिए क्योंकि पिछले बोर्ड की पहली बैठक 3 मई को हुई थी।  इसी हिसाब से सरकार को चुनाव कार्यक्रम भेजे गए हैं।  राज्य के निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि 2 अप्रैल तक सरकार की सहमति हर हाल में मिल जानी चाहिए।  अगर ऐसा होता है तो चुनाव को लेकर आगे की प्रक्रिया शुरू की जा सकेगी क्योंकि 4 अप्रैल तक अधिसूचना जारी हो जानी चाहिए। सुबर्धन ने कहा कि अगर सरकार ने 2 अप्रैल तक जवाब नहीं दिया तो हाईकोर्ट को इसकी सूचना देनी होगी।

-एपीएन ब्यूरो

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