केंद्र सरकार बढ़ते जाली ड्राइविंग लाइसेंस पर रोक लगाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस को आधार से जोड़ने की तैयारी कर रही है। बुधवार को इसकी इसकी जानकारी केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट को दी गई। इसके लिए सभी राज्यों को कवर करने वाला सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है।
कमेटी ने दाखिल की गई रिपोर्ट में कहा है कि कुछ मुद्दों पर चर्चा करने के लिए बीते साल 28 नवंबर को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MORTH) के संयुक्त सचिव से मीटिंग की थी। इसमें फर्जी लाइसेंसों की खरीद और इसे खत्म करने का उपाय भी शामिल था।
MORTH ने बताया कि राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) अब ‘सारथी -4′ तैयार कर रही है जिसके तहत सभी लाइसेंसों को आधार से जोड़ा जाएगा।’ यह सॉफ्टवेयर वास्तविक समय के आधार पर सभी राज्यों को कवर करेगा और किसी भी देश में कहीं भी नकली या फर्जी लाइसेंस हासिल करना संभव नहीं होगा।
कमेटी की ओर से अदालत में अधिवक्ता ने पीठ को बताया कि शीर्ष अदालत द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुपालन पर चर्चा करने के लिए 22 से 23 फरवरी को संबंधित मंत्रालय और अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी। मंत्रालय की ओर से उपस्थित अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पिंकी आनंद ने पीठ से कहा कि भारत की सड़क दुर्घटनाओं में 2016 की तुलना में 2017 में ज्यादा गिरावट आई है।
हाल ही में खबर आ रही थी कि आधार से निजी जानकारी चोरी होने का खतरा है, लेकिन सरकार ने इस खबर को सिरे से नकार दिया है। केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि आधार डेटा पर किसी तरह का खतरा नहीं है और देश की एक बड़ी जनता इस योजना पर विश्वास करती है कि ये पूरी तरह से सुरक्षित है।