दिल्ली को गणतंत्र दिवस के दिन जख्मी करने का आरोप मुख्य रूप से गैंगस्टर लख्खा सिधाना और पंजाबी एक्टर-सिंगर दीप सिद्धू पर लगा है। दोनों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर ली गई है। दिल्ली पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है। सिद्धू पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश सिंह टिकैत और स्वराज इंडिया पार्टी के मुखिया योगेंद्र यादव ने गंभीर आरोप लगाया है।

योगेंद्र यादव ने एक बयान जारी करते हुए कहा था कि, दीप सिद्धू और गैंगेस्टर से नेता बने लख्खा सिधाना ने पिछली रात सिंघु बॉर्डर पर भी किसानों को भड़काने की कोशिश की। योगेन्द्र यादव ने आगे कहा ‘इस बात की जांच होनी चाहिए कि किस प्रकार एक माइक्रोफोन के साथ दीप सिद्धू लाल किले तक पहुंच गया’। भारतीय किसान यूनियन के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह ने भी दीप सिद्धू पर आरोप लगाते हुए कहा है ‘दीप सिद्धू ने किसानों भड़काया और उन्हें मिसगाइड किया।”

वहीं कृषि कानून के खिलाफ किसानों का नेतृत्व कर रहे किसान नेता राकेश सिंह टिकैत ने भी दीप सिद्धू पर गंभीर आरोप लगाया था। टिकैत ने बताया था कि,”दीप सिद्धू को किसानों ने आंदोलन से पहले दिन ही दूर रखा है। लेकिन वे सरकारी चमचा घूस आया और किसानों को उकसाने में कोई कमी नहीं छोड़ी जिसके बाद पूरी हिंसा हुई है।”

दोनों नेताओं के बयान के बाद दीप सिद्धू ने बुधवार देर रात को फेसबुक के जरिए एक वीडियो जारी कर किसान नेताओं को धमकाया है। सिद्धू ने कहा कि, अगर मैं सच बोलने लगा तो किसान नेताओं को दिल्ली में भागने का रास्ता नहीं मिलेगा।

दीप सिद्धू का बयान

सिद्धू ने फेसबुक लाइव में कहा, “पहली बात तो यह कि 25 तारीख की रात को नौजवानों ने मंच पर रोष जताया था, क्योंकि उन्हें पंजाब से दिल्ली में परेड करने का कह कर ही बुलाया गया था। इसके लिए बार-बार मंच से बड़े-बड़े ऐलान और वादे किए गए थे। रोष जता रहे नौजवानों ने कहा कि जब हम दिल्ली आ गए तो आप हमें सरकार की ओर से तय किए गए रूट पर जाने के लिए कह रहे हैं जो हमें मंजूर नहीं है

मैंने भीड़ को समझाने की कोशिश की
सिद्धू ने वीडियो में कहा कि उस दौरान मंच पर हालात ऐसे बन गए थे की अगुआई कर रहे किसान नेता वहां से किनारा कर गए उसके बाद मुझे निहंगों की जत्थे बंदियों ने हालात खराब होने का कहते हुए वहां बुलाया मैंने वहां मंच पर जाकर किसान नेताओं का समर्थन किया और भीड़ को समझाया कि किसान नेता बुजुर्ग हैं। वे बहुत परेशान हैं, इसलिए हमें समझना पड़ेगा। इसलिए मैं कह रहा हूं कि उस रात का मेरा भाषण नहीं देखना चाहिए।

मैंने उस दिन भी यही बात कही थी। मैंने किसान नेताओं से भी कहा था कि जो लोग कह रहे हैं उसके अनुसार सामूहिक फैसला लो वह गलत नहीं होगा, क्योंकि संगत से ही हमारा मोर्चा चल रहा है और हम यहां खड़े हैं। यह बात किसान नेताओं के समझ में नहीं आई। उन्होंने अगले दिन मार्च निकाला जिस रूट पर किसान और पुलिस ने तय किया था उस पर 3000 लोग भी नहीं थे। सिंघु-टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर से लोग खुद ही गलत रूट पर निकल गए और लाल किले की और चल पड़े। उनकी कोई अगुआई नहीं कर रहा था।

लाल किला पहुंचने में हुई देरी, पहले ही टूट चुका था गेट
दीप सिद्धू ने कहा- मैं जब लाल किले पहुंचा तब तक गेट टूट चुका था। उसमें हजारों की भीड़ खड़ी हुई थी। मैं बाद में वहां पहुंचा। जिस रोड से पहुंचा उस पर सैकड़ों ट्रैक्टर पहले से खड़े थे। मैं पैदल ही किले के अंदर पहुंचा था। वहां देखा तो कोई किसान नेता नहीं था। कोई भी वह व्यक्ति नहीं था जो पहले बड़ी-बड़ी बातें कर रहा था। सोशल मीडिया पर लाइव आकर बड़े-बड़े ऐलान किए थे कि हम दिल्ली की गर्दन पर घुटना रख देंगे, लेकिन वहां पर कोई नहीं था।

इसी बीच कुछ नौजवान मुझे पकड़कर ले गए कि भाई वहां चलो। वहां दो झंडे पड़े थे एक किसानी झंडा और दूसरा निशान साहिब। हमने सरकार के सामने रोष जताने के लिए दोनों झंडे वहां लगा दिए। हमने तिरंगा नहीं हटाया था। हमें कोई डर नहीं है, क्योंकि हमने कुछ गलत नहीं किया है।

पिछले 6 महीने से सरकार हमारी बेइज्ज्ती कर रही है
पंजाबी सिंगर ने सफाई देते हुए कहा कि हमने कोई सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाया। हमने कोई हिंसा नहीं की। हमारे लोगों पर किसी ने लाठीचार्ज नहीं किया। सब कुछ आराम से हो गया। हम सरकार को दिखाना चाहते थे कि हमारा हक दिया जाए। हमारी मांगों पर गौर किया जाए, क्योंकि पिछले छह महीने से सरकार का जो हमारी ओर रवैया था वह ठीक नहीं था उन्होंने बार-बार हमारी बेइज्जती की।

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