Death Of M S. Swaminathan: हरित क्रांति के जनक एमएस स्‍वामीनाथन ने दुनिया को कहा अलविदा!

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Death Of M S. Swaminathan

Death Of M S. Swaminathan: हरित क्रांति के जनक और देश के महान कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन का गुरुवार को 93 वर्ष की आयु में निधन हो गया। तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में सुबह 11.20 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। 7 अगस्त, 1925 को तमिलनाडु के कुंभकोणम में जन्‍मे स्वामीनाथन को भारत में हरित क्रांति के जनक के रुप में जाना जाता है।जानकारी के मुताबिक लंबी उम्र की वजह से आने वाली दिक्कतों के चलते उनका निधन हो गया।
स्वामीनाथन डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर के वैज्ञानिक थे। उन्होंने 1972 से लेकर 1979 तक ‘इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च’ के अध्यक्ष के तौर पर भी काम किया। कृषि क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए भारत सरकार ने उन्हें पद्म भूषण से नवाजा।स्वामीनाथन की गिनती भारत के महान कृषि वैज्ञानिकों के तौर पर होती हैं, जिन्होंने धान की ऐसी किस्म को तैयार किया, जिसने भारत के कम आय वाले किसानों को ज्यादा धान पैदा करने के काबिल बनाया।

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Death Of M S. Swaminathan: कृषि के क्षेत्र में उच्च शिक्षा हासिल की

Death Of M S. Swaminathan: एम एस स्वामीनाथन के पिता एम के संबासिवन एक सर्जन थे। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा कुंभकोणम में ही हासिल की। उनकी कृषि क्षेत्र में दिलचस्पी की दो वजहें थीं।पहला उनके पिता का आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेना, दूसरा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के दार्शनिक स्‍वभाव का असर।दोनों लोगों की वजह से ही उन्होंने कृषि के क्षेत्र में उच्च शिक्षा हासिल की। अगर ऐसा नहीं होता तो वह पुलिस अफसर बनते।साल 1940 में उन्होंने पुलिस अफसर बनने के लिए आयोजित परीक्षा भी पास कर ली थी। उन्होंने कृषि क्षेत्र में दो बैचलर डिग्री हासिल की।

Death Of M S. Swaminathan:हरित क्रांति ने बदल डाली देश की तस्वीर

M S Swaminathan 2 min
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कृषि वैज्ञानिक डॉ. स्वामीनाथन ने ‘हरित क्रांति’ की सफलता के लिए दो केंद्रीय कृषि मंत्रियों सी. सुब्रमण्यम (1964-67) और जगजीवन राम

(1967-70 और 1974-77) के साथ मिलकर काम किया। ये एक ऐसा प्रोग्राम था, जिसमें केमिकल-बायोलॉजिकल टेक्नोलॉजी के जरिए गेहूं और चावल की उत्‍पादकता बढ़ाई गई। हरित क्रांति की वजह से भारत अनाज के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के रास्ते पर आगे बढ़ पाया। हरित क्रांति की वजह से भारत की तस्वीर बदली। अपने जीवन में स्वामीनाथन को तीन पद्म अवार्ड के अलावा ढेरों अवार्ड्स से नवाजा गया।

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