दिल्ली यूनिवर्सिटी से संबद्ध दयाल सिंह कॉलेज (सांध्य) के शासी निकाय के अध्यक्ष अमिताभ सिन्हा ने नाम बदलकर वंदे मातरम महाविद्यालय रखने का निर्णय लिया जिसके बाद से विवाद खड़ा हो गया है। इस पर शिरोमणि अकाली दल नेता एवं केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल नाराज हो गई और उन्होंने कॉलेज का नाम बदलने वालों को ही नसीहत दे डाली है।

दरअसल दिल्ली के दयाल सिंह इवनिंग कॉलेज की गवर्निंग बॉडी (जीबी) ने शुक्रवार (17 नवंबर) को महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए कॉलेज का नाम बदलने का फैसला लिया है। बताया गया कि कॉलेज को नया नाम वंदे मारतम महाविद्यालय दिया जाएगा। इसके पीछे गवर्निंग बॉडी के चेयरमैन अमिताभ सिन्हा ने तर्क रखा कि इसके बाद इवनिंग और मॉर्निंग कॉलेज के अलग-अलग नाम होंगे। जिस पर लोग भड़क गए और कॉलेज का नाम बदलने के इस कदम को पंजाब के पहले स्वतंत्रता सेनानी सरदार दयाल सिंह मजीठिया की विरासत का अपमान बताया।

वहीं कॉलेज का नाम बदलने जाने पर केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने हैरानी जताते हुए कहा कि जो कॉलेज का नाम बदलना चाहते हैं, उन्हें अपना नाम बदल लेना चाहिए, आप किसी और की विरासत कैसे ले सकते हैं,पाकिस्तान में भी सरदार दीन दयाल सिंह का योगदान है और उनके नाम पर कॉलेज चल रहे हैं।

यही नहीं हरसिमरत कौर ने इस मामले को लेकर मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावेडकर को पत्र तक लिख दिया है। उन्होंने पत्र में इस फैसले की निंदा करते हुए कहा कि कॉलेज का नाम बदलना उस योद्धा के साथ बहुत बड़ा अन्याय होगा, जिसने शिक्षा क्षेत्र के लिए अपना योगदान दिया।उधर  कॉलेज के शासी निकाय के अध्यक्ष अमिताभ सिन्हा का कहना है कि यह फैसला भ्रांति दूर करने के लिए लिया गया है।

गौरतलब है कि इससे नाराज भाजपा विधायक एवं दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव मनजिन्द्र सिरसा ने सोमवार को बुद्धिजीवियों की बैठक बुलाई है जहां बैठक में इसे लेकर आगे की रणनीति तय की जाएगी। इसके अलावा कॉलेज का नाम बदलने से रोकने के लिए हर स्तर पर धरना प्रदर्शन करने के अलावा भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से भी वो मिलेंगे।

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