छत्तीसगढ़ के बीलासपुर के सिरगिट्टी से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां पर एक ही परिवार के 8 युवकों की मौत हो गई। खबर के अनुसार युवकों ने महुआ शराब में होम्योपैथिक कफ सिरप मिलाकर सेवन किया था जिसके बाद आठों युवकों की मौत हो गई। वहीं 5 अन्य युवकों की हालत नाजुक बताई जा रही है।

स्थानीय पत्रकारों से मिली जानकारी के अनुसार युवक नशे के आदी थे। इसी चक्कर में सभी ने मंगलवार शाम को नशे के लिए होम्योपैथिक कफ सीरप में महुआ शराब मिलाकर पिया था। इसके बाद सभी अपने-अपने घर चले गए। रात में ही इनकी तबीयत बिगड़ गई। सभी को उल्टियां होने लगी। बुधवार सुबह तक 4 युवकों ने घर पर ही दम तोड़ दिया।

साथ ही यह भी खबर सामने आई है कि, कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए गांव वाले घर भी ही इसकी दवा बना रहे हैं। इसी कड़ी में महुआ और होम्योपैथिक कफ सीरप भी शामिल है। कोरोना से बचने के लिए गांव के युवक पिछले कुछ दिनों से होम्योपैथिक सिरप को कोरोना की दवा समझ कर पी रहे थे। ग्रामीणों को यह अंदेशा था कि शराब के साथ इस दवा को मिला कर पीने से कोरोना से बचाव होता है। इस गलतफहमी के चलते गांव में बीते कुछ दिनों से इसका सेवन युवक कर रहे थे।

इस घटना पर बिलासपुर के सीएमओ ने बताया है कि होमियोपैथिक दवा पीना इन मौतों का कारण हो सकता है क्योंकि वो एल्कोहलिक है। सीएमओ के अनुसार युवकों ने महुआ के साथ ड्रोसेरा 30 नाम की दवा मिला कर पी थी। इस दवा में 91 प्रतिशत अल्कोहल होता है।मौत के अन्य कारणों का पता करने के लिए टीम जांच कर रही है।

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