केंद्र सरकार ने लालू को दी गई एनएसजी सुरक्षा को तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया है। लालू यादव को अब तक उनके ऊपर खतरे को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा Z+ कैटेगरी की सुरक्षा दी गई थी, जिसे अब घटाकर Z कैटेगरी कर दिया गया है। वैसे यह कटौती सिर्फ लालू के साथ ही नहीं हुई है बल्कि जीतनराम मांझी के साथ भी हुई है।
दरअसल इन दिनों लालू के सितारे गर्दिश में चल रहे हैं। उन पर और उनके परिवार पर ऐसे ही भ्रष्टाचार के केस चल रहे हैं वहीं अब खबर आई है कि लालू की सुरक्षा में भी केंद्र सरकार ने कटौती कर दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की सुरक्षा वापसी का आदेश पटना गृह विभाग को प्राप्त हुआ है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के साथ लंबे अरसे से नेशनल सिक्यूरिटी गार्ड (NSG) के कमांडो तैनात रहते थे। बताया जाता है कि आदेश के बाद अब जेड केटेगरी में उन्हें NSG कमांडो नहीं मिलेंगे। जेड केटेगरी में अब CRPF के जवान लालू प्रसाद की सुरक्षा में तैनात किए जाएंगे।
केंद्र सरकार ने सिर्फ लालू की ही सुरक्षा में कटौती नहीं की है बल्कि जीतनराम मांझी की सुरक्षा की व्यवस्था खत्म कर दी है। उनके साथ अब सुरक्षा कर्मी नहीं रहेंगे। मांझी बिहार के गया जिले से आते हैं जो कि नक्सल प्रभावित इलाका है। ऐसे में उनकी सुरक्षा को हमेशा जरूरी माना जाता रहा है। माना जाता है कि यह मांझी की केंद्र सरकार के खिलाफ बयानबाजी का नतीजा है। वैसे इस से यह भी मालूम पड़ता है कि केंद्र सरकार ने इस फैसले में यह दिखाने की कोशिश की है कि सुरक्षा में कटौती अकेले लालू ही नहीं, जीतनराम मांझी की भी की गई है।
गौरतलब है कि जहां एक तरफ लालू के परिवार पर भ्रष्टाचार की जांच जोर पकड़ रही है तो वहीं दूसरी ओर लालू के बेटे तेज प्रताप द्वारा सुशील मोदी के बेटे की शादी में घुस कर मारूंगा वाला बयान मीडिया की सुर्खियों में छाया हुआ है। हालांकि इस पूरे विवाद पर लालू ने हल्के तौर पर लेने को कहा है। लालू ने कहा है कि ‘‘तेज प्रताप ने केवल फुंफकारा है और ये फुंफकारने में ही सटक गए। शादी ब्याह करें। हमलोगों की भी शुभकामना है। तुम्हारा बेटा, मेरा बेटा है। इसमें क्या झगड़ा और क्या झमेला। क्यों डरते हो।’’