बीजेपी की प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले तक किसी को भी इस बात का अहसास नहीं था कि बीजेपी जम्मू-कश्मीर पर कुछ ऐसा फैसला लेने वाली है। राजधानी दिल्ली में बीजेपी की कोर कमिटी की बैठक में पीडीपी सरकार से समर्थन वापस लेने का फैसला किया गया। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के सभी बीजेपी नेताओं की राय जानी और फिर पार्टी ने सरकार से अलग होने का फैसला किया। बीजेपी महासचिव राम माधव , केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और जम्मू बीजेपी के दूसरे नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर समर्थन वापसी के फैसले का ठीकरा महबूबा मुफ्ती पर फोड़ा।बीजेपी ने मंगलवार को प्रेस कॉंफेस कर पीडीपी को दिया समर्थन वापिस ले लिया है। बीजेपी ने समर्थन वापिस लेने की चिट्ठी राज्यपाल को लिखी, प्रेस कॉंफ्रेंस के दौरान बीजेपी महासचिव राम माधव ने इसका ऐलान किया है।

उन्होंने कहा कि हमने जम्मू-कश्मीर में शांति के लिए गठबंधन किया था। जिसके लिए मोदी सरकार ने हर संभव कोशिश की। पीएम मोदी और बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की सलाह पर ये फैसला लिया गया।

राम माधव ने कहा कि सबकी राय से गठबंधन तोड़ने का फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि महबूबा मुफ्ती के तीन साल के कार्यकाल पर चर्चा के बाद पीडीपी से समर्थन वापिस लिया जा रहा है।BJP-PDP may break coalition,Sent back letter to the governor

जम्मू-कश्मीर की घाटी में हालात बेहद खराब है। वहां प्रेस की आजादी खतरे में है, पिछले तीन सालों से वहां आतंकवाद बढ़ा है। जम्मू कश्मीर में विकास भी नहीं है। उन्होंने पीडीपी पर निशाना साधते हुए कहा कि पीडीपी ने काम में अड़चन डालने का काम किया है। वहीं महबूबा मुफ्ती शाम तक मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे सकती है।


इसके अलावा बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन की मांग की है और राज्यपाल से हालात सुधारने की मांग की है।  राम माधव ने कहा कि महबूबा मुफ्ती जम्मू-कश्मीर के प्रति अपना दायित्व निभाने में नाकामयाब रही।

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