चमोली की थराली विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में केसरिया पार्टी किसी तरह अपनी  इज्जत बचाने में कामयाब हुई है। सत्ता पर सवार बीजेपी सरकार की साख किसी तरह बच गई। ऐसे में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राहत की सांस ली है। थराली विधानसभा उपचुनाव में पहली बार कोई महिला विधायक बनी है। यहां से बीजेपी उम्मीदवार मुन्नी देवी ने कांग्रेस के डॉ. जीतराम शाह को करीब 19 सौ वोटों से हराकर बीजेपी की साख बचाने के साथ-साथ अपने दिवंगत पति और बीजेपी के वरिष्ठ नेता रहे मगन लाल की सीट बचाने में भी कामयाब हुईं हैं।

थराली में कांटे की संघर्ष में जीत के बाद पहली बार मीडिया से मुख़ातिब हुई मुन्नी देवी ने थराली में जीत के लिए सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, पार्टी संगठन, कार्यकर्ताओं और क्षेत्रीय जनता को धन्यवाद  दिया। पति के उन अधूरे सपनों को पूरा करने की बात कही जिन विकास कार्यो की नींव उनके पति रखकर गए थे। उन्हें वह प्राथमिकता के आधार पर पूरा करेंगी। जिससे थराली के लोगो की उम्मीदें पूरी हो सकें।

बीजेपी ने दिवंगत विधायक मगनलाल शाह की पत्नी मुन्नी देवी को प्रत्याशी  बनाकर  सहानुभूति लहर का लाभ लेने की नीति अपनाई। हालांकि उनकी जीत का अंतर बेहद कम रहा। पिछली  बार  बीजेपी ने यह सीट 4800 मतों के अंतर से जीती थी। लेकिन इस बार अंतर आधे से भी कम हो गया। बीजेपी की इस मुश्किल जीत पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने थराली की जनता का आभार जताया।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसे बीजेपी सरकार के कामों के पसंद करने के एवज में जनता की सौगात बताने में देर नहीं की। साथ ही पार्टी के चुनाव प्रभारी रहे धन सिंह रावत को धन्यवाद दिया। बीजेपी की जीत से प्रदेश अध्यक्ष अज्य भट्ट भी आलोचनाओं का शिकार होने से बच गए।

वहीं कांग्रेस नेताओं ने इस हार से सीख लेने की बात कही है। प्रदेश अध्यक्ष ने थराली में मिली  हार से सबक लेने की बात कही। कांग्रेस का पूर्व विधायक डॉक्टर जीतराम पर दांव  लगाना  बेकार फिर साबित हुआ।

थराली जीत की खुशी में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने मसूरी के मुख्य चौक पर पटाखे फोड़ कर ख़ुशियां मनाईं और एक-दूसरे को लडड्डू खिलाए। इस मौके पर मसूरी बीजेपी विधायक गणेश जोशी ने कहा कि, थराली में विपक्षी दलों द्वारा कई आरोप लगाये गए थे लेकिन वहां बीजेपी को जीत मिली और इसमें रिटायर सैनिकों का अहम योगदान है। गणेश जोशी ने कांग्रेस पर साजिश करने के आरोप लगाए।

देश के कई हिस्सों में हुए उपचुनावों में बीजेपी को करारी निराशा ही हाथ लगी है। थराली और पालघर ने बीजेपी की इज्जत रख ली। अब उत्तराखंड की 70 सदस्यीय निर्वाचित विधानसभा में बीजेपी विधायकों की संख्या फिर से 57 हो गई है। 28 मई को इस सीट के लिए हुए उपचुनाव में 53 फीसदी से ज्‍यादा मतदाताओं ने वोट डाले थे। कड़े मुकाबले में मुन्नी देवी  के जीत  दर्ज करते ही भगवा खेमे में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। ढोल नगाड़ों की थाप पर भगवा पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जीत का जश्न मनाया। मिठाईयां बांटीं और एक दूसरे को गुलाल लगाकर होली मनाई। लेकिन, क्या बेहद कम अंतर से हुई ये जीत उत्तराखंड बीजेपी के लिए तूफान से पहले आने वाली शांति तो नहीं है। क्योंकि, सियासी रुप से ये जीत भले बड़ी हो लेकिन बीजेपी के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। जाहिर है वक्त सियासी दुश्मन कांग्रेस के लिए खुश होने का है।

—कुमार मयंक एपीएन

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