बिहार के जातिगत सर्वे ने बढ़ा दिया सियासी पारा, जातियों की गिनती के बाद अब आरक्षण बढ़ाने पर जोर

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Nitish Kumar
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लोकसभा चुनाव से पहले बिहार के जातिगत सर्वे ने सियासी पारे को बढ़ा दिया है। माना जा रहा है कि जातियों की गिनती के बाद अब आरक्षण बढ़ाने पर जोर होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी कहना है कि इंडिया गठबंधन की सर्वदलीय बैठक में वे सारी बातें सबके सामने रखेंगे। बैठक में सबकी राय लेकर सरकार सभी जरूरी कदम उठाएगी। बता दें कि बिहार में जाति गणना की रिपोर्ट के बाद अब ओबीसी आरक्षण में इजाफे की मांग तेज हो सकती है। माना जा रहा है कि इसका असर बिहार से निकलकर यूपी और हिंदी बेल्ट के तमाम राज्यों पर दिख सकता है।

आबादी के अनुसार आरक्षण की उठने लगी है मांग

इसका मतलब आने वाले दिनों में आबादी के मुताबिक आरक्षण की डिमांड तेज हो सकती है। जेडीयू के सीनियर नेता केसी त्यागी ने तो नीतीश कुमार की तुलना कर्पूरी ठाकुर और वीपी सिंह से कर दी। उन्होंने कहा कि यह मंडल पार्ट-2 है और पिछड़ों को नीतीश कुमार न्याय दिला रहे हैं। वहीं जीतनराम मांझी ने तो आंकड़े आते ही नौकरियों में आबादी के अनुसार आरक्षण की मांग रख दी। लालू यादव, नीतीश कुमार, अखिलेश यादव जैसे नेता तो लगातार यह मांग दोहराते रहे हैं। अखिलेश यादव भी यूपी में जाति गणना की मांग करते रहे हैं।

बिहार से आई रिपोर्ट का यूपी पर भी होगा असर?

अब बिहार में आई रिपोर्ट के बाद ये नेता इस पर और मुखर हो सकते हैं। अब एक बार फिर से 2024 में यूपी, बिहार जैसे हिंदी पट्टी के राज्यों में ओबीसी कार्ड तेज हो सकता है। इसका असर यूपी, बिहार से आगे राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा जैसे प्रदेशों में भी दिख सकता है। यानी 2024 के लिए विपक्ष को हथियार मिल चुका है, देखना होगा कि विपक्षी दल इसका इस्तेमाल पीएम नरेंद्र मोदी के मुकाबले कैसे कर पाता है, जो खुद ओबीसी चेहरे के तौर पर प्रोजेक्ट किए जाते हैं।

आइए आपको बताते हैं कि इस मामले पर किस नेता ने क्या कहा?

राजद सुप्रीमो लालू यादव ने कहा कि जिसकी जितनी संख्या, उसकी उतनी हिस्सेदारी हो। जीतन राम मांझी ने कहा है कि सूबे में आबादी के प्रतिशत के हिसाब से सरकारी नौकरी/स्थानीय निकायों में आरक्षण लागू करें। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि जितनी आबादी उतना हक हमारा प्रण है। बिहार की जातिगत गणना से पता चला है कि वहां OBC + SC + ST 84% हैं। भारत के जातिगत आंकड़े जानना जरूरी हैं। जितनी आबादी, उतना हक – ये हमारा प्रण है।

बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा है कि अब हम विशेष योजनाएं लाकर सेवा करेंगे। अब सरकार त्वरित गति से वंचित वर्गों के समग्र विकास एवं हिस्सेदारी को इन आंकड़ों के आलोक में सुनिश्चित करेगी। हालांकि बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने कहा कि उनकी पार्टी आंकड़ों का अध्ययन कर रही है।

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