बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले दोस्ती टूटने और नए रिश्ते बनने का सिलसिला जारी है। काफी दिनों से आरजेडी की अगुवाई वाले महागठबंधन में चल रही उठापटक के बाद। जीतन राम मांझी ने आखिरकार अपना नाता तोड़ लिया। उनकी पार्टी हम महागठबंधन से अलग हो गई है। पार्टी की कोर कमिटी ने फैसला लिया कि वो अब महागठबंधन का हिस्सा नहीं रहेगी।

जीतनराम मांझी काफी दिनों से नाराज चल रहे थे। उनका आरोप था कि, आरजेडी बड़ा दल होने के नाते अपनी मनमानी कर रही है। और महागठबंधन में शामिल छोटे दलों को भाव नहीं दिया जा रहा है। विधानसभा चुनाव के लिए होने वाले सीट बंटवारे में भी तेजस्वी यादव टस से मस नहीं हो रहे थे। जिसके बाद मांझी ने महागठबंधन का साथ छोड़ना ही ठीक समझा। वैसे, खबर ये भी है कि, मांझी की पार्टी हम जल्द ही NDA का हिस्सा बन सकती है। सूत्रों के अनुसार, जेडीयू के साथ बात बन चुकी है। नीतीश चाहते हैं कि मांझी की पार्टी हम का पूरी तरह से जेडीयू में विलय हो जाए, लेकिन ऐसा नहीं होने की सूरत में मांझी की पार्टी के साथ कुछ सीटों पर समझौते का फॉर्मूला तय किया जा रहा है।

महागठबंधन की मुश्किलें यहीं खत्म नहीं हुईं। आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के समधी। और विधायक चंद्रिका राय ने पार्टी का साथ छोड़ दिया है। चंद्रिका राय ने दो आरजेडी विधायकों। जयवर्धन यादव और फराज फातमी के साथ नीतीश कुमार की पार्टी का दाम थाम लिया है। चंद्रिका राय, लालू के बेटे तेज प्रताप यादव के ससुर हैं।

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