वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि संसद में कानून पारित कर बैंक खाता और मोबाइल फोन के लिए आधार को अनिवार्य बनाया जा सकता है, हालांकि उन्होंने इस बारे में कुछ नहीं कहा कि सरकार इसके लिए कोई कानून बनाएगी या नहीं। पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने12 अंकों वाले आधार कार्ड को संवैधानिक मान्यता तो दी थी लेकिन इसके साथ मोबाइल उपभोक्ताओं की पहचान सत्यापित करने के लिए निजि संस्थाओं द्वारा इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी। जेटली ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई और कहा कि कोर्ट ने माना कि आधार के पीछे वैध उद्देश्य है।

जेटली एचटी लीडरशिप समिट में बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि आधार नागरिकता कार्ड नहीं है। उन्होंने कहा, “हमारा सिस्टम ऐसा है जहां सरकार सभी तरह के लोगों को अलग-अलग तरह के सपोर्ट और सब्सिडी के लिए काफी पैसा देती है। यह आधार का सैद्धान्तिक उद्देश्य है।” उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आधार के अधिकांश भाग को बरकरार रखा।

प्राइवेट कंपनियों द्वारा आधार के इस्तेमाल पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि धारा 57 के तहत कानून बनाकर या अनुबंध द्वारा दूसरे के उपयोग के लिए आधार को अधिकृत किया जा सकता है।” हालांकि वित्त मंत्री ने इस बारे में कुछ भी नहीं बताया कि सरकार का ऐसा कानून बनाने की योजना है अथवा नहीं।

बता दें कि करीब चार माह की बहस के बाद पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने आधार की अनिवार्यता पर फैसला सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि बैंक खाता खोलने के लिए अब आधार जरूरी नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने आधार एक्ट की धारा 57 को रद्द कर दिया. जिसके बाद प्राइवेट कंपनियां आधार की मांग नहीं कर सकती हैं।

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