अगर आप तीन-चार दिन अपने घर से बाहर ना निकलें तो कैसा महसूस करेंगे…? एक आम इंसान को अगर हफ्ते, महीनों या सालों तक घर से बाहर ना निकाला जाए तो कल्पना कीजिए कि उसकी मानसिक स्थिति कैसी होगी। ऐसा ही एक मामला झारखंड के सरायकेला-खरसांवा जिले के एक गांव से सामने आया है जहां एक सनकी और दुष्ट बाप ने अपनी ही बच्चों को घर के अंदर 12 साल तक बंद रखा।

यह घटना सरायकेला-खरसांवा जिले के छोटा गम्हरिया पंचायत के अंतर्गत एक गांव की है, जहां तीन-तीन बहने और एक भाई अपने सनकी बाप की करतूतों की वजह से पिछले 12 सालों से घर की सलाखों के अंदर बंद हैं। आलम ऐसा है की घर के बाहर क्या हो रहा है उसकी भी जानकारी इन बच्चियों को नहीं है। वही गांव का रास्ता भी उन्हें नहीं पता।

बात दरअसल यह है कि इन बच्चियों के पिता ने उनकी मां को घर से भगा दिया है। सनकी बाप ने बच्चियों की मां को यह कहते हुए घर से निकाल दिया था कि वह बदचलन है, जबकि बच्चियों समेत एक भाई को बाप ने मां के साथ जाने नहीं दिया। वही एक बेटी को लेकर मां अपने मायके चली गई फिर लौटकर नहीं आई। अपनी बेटियों से दूर रह रही मां कभी-कभी चोरी चुपके अपने बच्चों से मिलने चली जाया करती थी लेकिन पति के घर से घर नहीं जाती थी। लिहाजा अपने पड़ोसियों से ही बच्चों का हाल चाल जानकर वापस मायके लौट जाया करती थी। उधर वह दुष्ट बाप अपने बेटे और बेटियों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करता रहता था। वही आस पड़ोस के लोग भी इन बच्चों को हेय दृष्टि से देखा करते थे। जिस कारण चारों भाई बहन खुद को घर के अंदर ही कैद कर लिया।

वैसे पूरा मामला उस वक्त प्रकाश में आया जब भाई ने बाप से बगावत करने की ठानी और किसी तरह घर से बाहर निकलकर पंचायत को सूचना दी। जिसके बाद मौके पर मुखिया और स्थानीय थाना पुलिस पहुंची, मगर बच्चियों ने बाप के डर से पुलिस के सामने कुछ भी नहीं बताया। मजबूरन पुलिस कुछ भी नहीं कर सकी। हालांकि बेटे की शिकायत पर पुलिस ने सनकी बाप को गिरफ्तार तो कर लिया। मगर इस संबंध में पुलिस कुछ भी बताने से कतराती रही, हालांकि मुखिया निराला सरदार ने बताया कि वह अपने स्तर से हर संभव प्रयास कर रही है कि इन बच्चों का भविष्य बेहतर हो सके। इसके लिए वह पंचायत सभा की बैठक बुलाकर कोई रास्ता निकालने की बात कर रही है।

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