कश्मीर में भारतीय सेना के शहीद जवानों से बर्बरता के बाद सेना ने आतंकियों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया है। सेना ने गुरूवार को कश्मीर के शोपियां के 20 से ज्यादा गांवों की घेराबंदी कर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। हालांकि, लोगों ने सुरक्षा बलों पर पथराव भी किये। हाल में ही शोपियां और पुलवामा में आतंकियों ने कैश वैन और बैंकों पर हमला किया था। इस हमले में कैश वैन में मौजूद 5 पुलिसकर्मी शहीद हो गए इस हमले में 2 बैंककर्मियों की भी मौत हो गई थी।

सेना ने यह आतंक-विरोधी ऑपरेशन तब शुरू किया जब शोपियां में आतंकियों के खुलेआम घूमने का एक विडियो सामने आया। इस ऑपरेशन में सेना, अर्धसैनिक बलों और जम्मू-कश्मीर पुलिस के करीब तीन हजार जवान शामिल हैं।

सेना आतंकियों को जिंदा या मुर्दा पकड़ने के लिए यह अभियान चला रही है। इस दौरान दो गांवों में सुरक्षाबलों को हिंसक ग्रामीणों पर काबू पाने के लिए हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा। आठ संदिग्ध तत्वों को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।

बीते 18 सालों में कश्मीर में किसी इलाके में एकसाथ एक दर्जन से ज्यादा गांवों की एक साथ तलाशी लिए जाने का यह पहला मामला है। इस तरह के तलाशी अभियान 1990 के दशक में ही होते थे।

शोपियां में बुधवार देर रात आतंकियों ने कोर्ट की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों पर हमला कर 5 सर्विस राइफलों को लूट लिया था। 2 मई को आतंकियों ने शोपियां के एक पुलिस पोस्ट पर बम हमला कर 4 इंसास और एक एके-47 राइफल को लूटा था।

इससे पहले अरूण जेटली ने कहा, ‘पाकिस्तान के इनकार की कोई विश्वसनीयता नहीं है। ये घटना के हालात साफ इशारा करते हैं कि पहले हमारे जवानों की हत्या और फिर उनके शवों के साथ बर्बरता में पाक सेना पूरी तरह शामिल थी।’ साथ ही उन्होंने कहा, ‘दो बॉर्डर जो एक-दूसरे से कुछ ही मीटर की दूरी पर हैं। यहां सिक्युरिटी बहुत ज्यादा है। ऐसी जगह पर इस तरह की करतूत को अंजाम देना बिना पाक सेना की मदद के बिना संभव नहीं है।’

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here