सुप्रीम कोर्ट द्वारा तीन तलाक पर दिए गए ऐतिहासिक फैसले के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की पहली बैठक भोपाल में हुई, जिसमें बोर्ड ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। बोर्ड ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करता है, लेकिन शरीयत में किसी भी प्रकार का दखल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

बोर्ड ने फिलहाल कोर्ट के फैसले के अध्ययन के लिए कानूनी जानकारों की दस सदस्यीय समिति बनाने का फैसला किया है। वहीं बाबरी मस्जिद विवाद पर बोर्ड ने कहा कि किसी खास पार्टी के सदस्य के कहने पर कोर्ट जल्दबाजी कर रहा है। बोर्ड ने कहा इस मामले में आराम से सुनवाई होनी चाहिए ताकि देर भले हो जाए नाइंसाफी न हो।

बैठक में सदस्यों की राय जानने के बाद बोर्ड को लगा कि सुप्रीम कोर्ट के तीन तलाक पर फैसले को अभी सभी लोगों ने ठीक से नहीं समझा है। इसलिए सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने करीब दो घंटे कानून के जानकारों के साथ बातचीत करके फैसले का सार तैयार किया और इसे सभी सदस्यों को बांटा गया।

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बैठक के बाद हुई प्रेस कांफ्रेंस में बोर्ड के सदस्य कमाल फारूकी ने कहा कि एक साथ तीन तलाक पाप है। उन्होंने कहा कि बोर्ड सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करता है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार द्वारा दाखिल हलफनामा कहीं न कहीं मुस्लिम पर्सनल लॉ पर हमला है। फारूकी ने कहा केंद्र सरकार संविधान में दी गई धार्मिक स्वतंत्रता का हनन कर रही है और मुस्लिम समुदाय इसे बर्दाश्त नहीं करेगा।

बोर्ड ने कहा कि एक साथ तीन तलाक के खिलाफ बोर्ड पहले भी प्रस्ताव पारित कर चुका है। अब इसे लेकर बड़े पैमाने पर सामाजिक सुधार कार्यक्रम चलाया जाएगा और एक साथ तीन तलाक देने वालों का सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा। इसके अलावा मुस्लिम महिलाओं और पुरुषों को जागरूक करने के लिए नए कार्यक्रम चलाए जाएंगे। बोर्ड ने इस कार्यक्रम के लिए केंद्र सरकार से वित्तीय मदद भी मांगी है।

वहीं बाबरी मस्जिद के मसले पर बोलते हुए वरिष्ठ वकील जफरयाब जिलानी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट किसी एक खास पार्टी के कहने पर जल्दबाजी कर रही है। वह पार्टी हिंदू और मुसलमानों को लड़ाकर सियासी फायदा उठाना चाहती है। जिलानी ने कहा इस मामले में आराम से सुनवाई होनी चाहिए ताकि देर भले हो जाए लेकिन नाइंसाफी न हो।

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इस बैठक में बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना रब्बे हाशमी नदवी, महासचिव मौलाना मोहम्मद वली रहमानी, उपाध्यक्ष डॉ. सैयद कल्बे सादिक, मोहम्मद सलीम कासमी, सचिव जफरयाब जिलानी, सांसद असदुद्दीन ओवैसी सहित बोर्ड की वर्किंग कमेटी के लगभग 45 सदस्य मौजूद थे।

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