भारत में निर्मित कोरोना वैक्सीन पर कई सवाल खड़े हो रहे थे, विपक्षी दलों का दावा था कि, वैक्सीन के साइड इफेक्ट हो रहे हैं। वहीं कुछ दलों ने तो ये भी कहा था कि, अगर वैक्सीन इतनी ही सुरक्षित है तो पीएम मोदी खुद क्यों नहीं लगवा लेते इसी तर्ज पर पीएम ने कोरोना वैक्सीन का टीका लिया। पीएम मोदी के टीका लगवाने के बाद देश की आम जनता भी वैक्सीन पर अपना भरोसा जता रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कोरोना वायरस का टीका लगाने के बाद देश में टीकाकरण की रफ्तार में 4 गुना का इजाफा हुआ है।

देश में प्रति 100 लोगों पर कोरोना टीके की खुराक की संख्या 0.41 से 1.56 पर पहुंच गई है। ब्लूमबर्ग और जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी की ओर से इकट्ठा किए गए आंकड़ों के मुताबिक भारत में अब तक लगभग 21 मिलियन खुराक दिए जा चुके हैं। आंकड़ों के अनुसार देश में प्रति 100 लोगों पर कोरोना टीके की खुराक की संख्या 0.41 से 1.56 पर पहुंच गई है। 

देशभर में टीकाकरण के दूसरे चरण की शुरुआत 1 मार्च से हुई है। दूसरे चरण का पहला टीका पीएम मोदी ने लगवाया था। पीएम मोदी के टीका लेने के बाद कहीं न कहीं लोगों में विश्वास बढ़ा है और लोग अब टीका लगवाने के लिए आगे आ रहे हैं। शनिवार को सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबित एक दिन में 15 लाख से अधिक लोगों को टीके की खुराक दी गई। बता दें कि

भारत सरकार की ओर से पिछले महीने कोरोना वायरस के दो टीकों को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिली है। इसके एक ऑक्सफोर्ड की कोविशील्ड वैक्सीन शामिल है जिसका प्रोडक्शन भारत में पुणे स्थित सीरम इस्टीट्यूट द्वारा किया जा रहा है। जबकि दूसरा कोवैक्सीन है। कोवैक्सीन पूरी तरह से स्वदेशी टीका है और इसे भारत बायोटेक और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) की ओर से विकसीत किया गया है।

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