Mann Ki Baat: ‘लोकतंत्र हमारी रगों में है, हमारी संस्कृति में…’, पढ़ें ‘मन की बात’ कार्यक्रम की खास बातें…

0
81
Mann Ki Baat
Mann Ki Baat

Mann Ki Baat Live: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मन की बात के 97वें एपिसोड को संबोधित किया। बता दें कि PM हर महीने के आखिरी रविवार को इस कार्यक्रम को संबोधित करते हैं। एपिसोड आप लाइव ऑल इंडिया रेडियो (AIR), दूरदर्शन के अलावा नरेंद्र मोदी ऐप पर सुन सकते हैं।

Mann Ki Baat: पढ़ें बड़ी बातें..

  • पीएम मोदी ने कहा कि “2023 की यह पहली ‘मन की बात’ और उसके साथ-साथ, इस कार्यक्रम का सत्तानवे-वां (97th Episode) एपिसोड भी है | आप सभी के साथ एक बार फिर बातचीत करके, मुझे बहुत खुशी हो रही है।”
  • पद्म पुरस्कार- पीएम मोदी ने कहा कि “इस बार पद्म पुरस्कार से सम्मानित होने वालों में जनजातीय समुदाय और जनजातीय जीवन से जुड़े लोगों का अच्छा-खासा प्रतिनिधत्व रहा है।” जनजातीय समुदाय हमारी धरती, हमारी विरासत का अभिन्न हिस्सा रहे हैं। देश और समाज के विकास में उनका योगदान बहुत महत्वपूर्ण है। उनके लिए काम करने वाले व्यक्तित्वों का सम्मान, नई पीढ़ी को भी प्रेरित करेगा।

इसके लिए कांकेर में लकड़ी पर नक्काशी करने वाले अजय कुमार मंडावी और गढ़चिरौली के प्रसिद्द झाडीपट्टी रंगभूमि से जुड़े परशुराम कोमाजी खुणे को भी ये सम्मान मिला है। इस वर्ष पद्म पुरस्कारों की गूंज उन इलाकों में भी सुनाई दे रही है, जो नक्सल प्रभावित हुआ करते थे। अपने प्रयासों से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में गुमराह युवकों को सही राह दिखाने वालों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। इसी प्रकार नॉर्थ-ईस्ट में अपनी संस्कृति के संरक्षण में जुटे रामकुईवांगबे निउमे, बिक्रम बहादुर जमातिया और करमा वांगचु को भी सम्मानित किया गया है।

हर किसी की संगीत की पसंद अलग-अलग हो सकती है, लेकिन संगीत हर किसी के जीवन का हिस्सा होता है। साथियो, इस बार पद्म पुरस्कार से सम्मानित होने वालों में कई ऐसे लोग शामिल हैं, जिन्होंने संगीत की दुनिया को समृद्ध किया है। कौन होगा जिसको संगीत पसंद ना हो। इस बार पद्म पुरस्कार पाने वालों में वो लोग हैं, जो, संतूर, बम्हुम, द्वितारा जैसे हमारे पारंपरिक वाद्ययंत्र की धुन बिखेरने में महारत रखते हैं। साथियो, पद्म पुरस्कार पाने वाले अनेक लोग, हमारे बीच के वो साथी हैं, जिन्होंने, हमेशा देश को सर्वोपरि रखा, राष्ट्र प्रथम के सिद्धांत के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।

  • The Mother of Democracy- कुछ हफ्ते पहले ही मुझे मिली इस book में एक बहुत ही interesting Subject पर चर्चा की गयी है। इस book का नाम India – The Mother of Democracy है और इसमें कई बेहतरीन Essays हैं। लोकतंत्र हमारी रगों में है, हमारी संस्कृति में है – सदियों से यह हमारे कामकाज का भी एक अभिन्न हिस्सा रहा है। स्वभाव से, हम एक Democratic Society हैं। डॉ० अम्बेडकर ने बौद्ध भिक्षु संघ की तुलना भारतीय संसद से की थी।

उन्होंने उसे एक ऐसी संस्था बताया था, जहां Motions, Resolutions, Quorum (कोरम), Voting और वोटों की गिनती के लिए कई नियम थे। तमिलनाडु में एक छोटा, लेकिन चर्चित गाँव है – उतिरमेरुर। यहां ग्यारह सौ-बारह सौ साल पहले का एक शिलालेख दुनिया भर को अचंभित करता है। यह शिलालेख एक Mini-Constitution की तरह है। हमारे देश के इतिहास में Democratic Values का एक और उदाहरण है – 12वीं सदी के भगवान बसवेश्वर का अनुभव मंडपम। यहां free debate और discussion को प्रोत्साहन दिया जाता था। आपको यह जानकार हैरानी होगी कि यह Magna Carta से भी पहले की बात है।

“Book में सिख पंथ की लोकतान्त्रिक भावना पर भी एक लेख को शामिल किया गया है जो गुरु नानक देव जी के सर्वसम्मति से लिए गए निर्णयों पर प्रकाश डालता है। आप इस किताब को पढ़ने के बाद महसूस करेंगे कि कैसे देश के हर हिस्से में सदियों से लोकतंत्र की भावना प्रवाहित होती रही है।

  • मोटा अनाज- योग दिवस और हमारे विभिन्न तरह के मोटे अनाजों – Millets में काफी कुछ common है। इस बदलाव का बहुत बड़ा प्रभाव भी दिख रहा है। जिस तरह लोगों ने व्यापक स्तर पर सक्रिय भागीदारी करके योग और fitness को अपने जीवन का हिस्सा बनाया है उसी तरह millets (बाजरा) को भी लोग बड़े पैमाने पर अपना रहे हैं | लोग अब millets को अपने खानपान का हिस्सा बना रहे हैं।
  • International Year of Millets- आज हिंदुस्तान के कोने-कोने में G-20 की summits लगातार चल रही है और मुझे खुशी है कि देश के हर कोने में, जहां भी G-20 की summit हो रही है, millets से बने पौष्टिक, और स्वादिष्ट व्यंजन उसमें शामिल होते हैं। आप कल्पना कर सकते हैं कि देश का ये प्रयास और दुनिया में बढ़ने वाली मिलेट्स (Millets) की डिमांड (demand), हमारे छोटे किसानों को कितनी ताकत देने वाली है। International Year of Millets की ऐसी शानदार शुरुआत के लिए और उसको लगातार आगे बढाने के लिए मैं ‘मन की बात’ के श्रोताओं को भी बधाई देता हूं।
  • Tourist Hub- मेरे प्यारे देशवासियो, जब आपसे कोई Tourist Hub गोवा की बात करता है, तो, आपके मन में क्या ख्याल आता है। पीएम ने कहा कि गोवा में इस महीने की शुरुआत में आयोजित एक अनोखे ‘पर्पल फेस्ट’ के बारे में साझा करता हूं। Purple Fest को सफल बनाने के लिए, मैं, इसमें हिस्सा लेने वाले सभी लोगों को बधाई देता हूँ | इसके साथ ही उन Volunteers का भी अभिनन्दन करता हूं, जिन्होंने इसे Organise करने के लिए रात-दिन एक कर दिया। पर्पल फेस्ट इवेंट का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि गोवा में पर्पल फेस्ट इवेंट हुआ। दिव्यांगजनों के कल्याण को लेकर यह अपने-आप में एक अनूठा प्रयास था। 50 हजार से भी ज्यादा हमारे भाई-बहन इसमें शामिल हुए। यहां आए लोग इस बात को लेकर रोमांचित थे कि वो अब ‘मीरामार बीच’ घूमने का भरपूर आनंद उठा सकते हैं।

बता दें कि पीएम मोदी ने पिछले एपिसोड में बढ़ रहे कोरोना को लेकर देशवासियों से सावधानी बरतने की अपील की थी। वहीं स्थानीय और स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने और कला-संस्कृति के प्रति देशवासियों के उत्साह पर बात की थी।

अप्रैल महीने में होगा Mann Ki Baat का 100वां एपिसोड

100वें एपिसोड के लिए केंद्र सरकार की तरफ से एक प्रतियोगिता रखी गई है। जिसमें (Logo) और जिंगल (Jingle) बनाने का कॉम्पटीशन है। बता दें कि ये कॉम्टीशन 18 जनवरी से शुरू हो गया है। लोग अपने बनाए गए लोगो और जिंगल सब्मिट कर सकते हैं। इसे सब्मिट करने की आखिरी तारीख 1 फरवरी है। सब्मिट करने के लिए लोगों को पहले mygov.in पर अप्लाई करना है और फिर यहीं पर सब्मिट किया जाएगा।

संबंधित खबरें:

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here