भारत में पहली बार अपने अधिकारों और कारोबार की सुरक्षा को लेकर सात करोड़ व्यापारी शुक्रवार को भारत व्यापार बंद में शामिल होकर अपना रोजगार बंद रखेंगे। इसके विरोध स्वरूप किसी भी प्रकार का कोई कारोबार नही करेंगे। भारत व्यापार बंद का आह्वान वॉलमार्ट, फ्लिपकार्ट डील और रिटेल में विदेशी निवेश के खिलाफ कान्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने किया है।

कैट ने एक बयान में कहा है, “देश के सभी व्यावसायिक बाजार बंद रहेंगे और कोई व्यावसायिक गतिविधि नहीं होगी। इस बंद में देश भर के सात करोड़ से अधिक छोटे कारोबारियों के हिस्सा लेने की संभावना है।”

व्यापारियों का दावा है कि वॉलमार्ट और अमेज़ॅन जैसे बहुराष्ट्रीय दिग्गजों को पिछले दरवाजे से प्रवेश देकर सरकार छोटे व्यापारियों का प्रतिनिधित्व खत्‍म करना चाहती है। फेडरेशन का कहना है कि खुदरा क्षेत्र में एफडीआई आने से व्‍यापारियों और दुकानदारों की आजीविका खतरे में पड़ गई है। मौजूदा नियम वॉलमार्ट को भारत में काम करने की इजाजत नहीं देते हैं, लेकिन फ्लिपकार्ट में हिस्सेदारी खरीदने के बाद यह पिछले दरवाजे से बाजार में उतरने की तैयारी कर रहा है।

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि सीलिंग को रोकने के लिए अध्यादेश की मांग को लेकर 28 सितंबर को दिल्ली के बाजारों को बंद का फैसला लिया गया है।

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि वॉलमार्ट करार व खुदरा में विदेशी निवेश के खिलाफ जंतर-मंतर पर व्यापारी प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने दावा किया कि कैट के बुलाए बाजार बंद में देश के लगभग सात करोड़ व्यापारी प्रतिष्ठान बंद में शामिल होंगे। दिल्ली में बाजार बंद सीलिंग के मुद्दे पर भी होगा। खंडेलवाल ने दावा किया है कि बाजार बंद का दिल्ली में व्यापक असर रहेगा।

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