जब कभी गीत संगीत की बातचीत होती है, तो एक ऐसे शख्सियत का ख्याल जुबां पर जरूर आता है और वो हैं ‘स्वर कोकिला’ लता मंगेशकर। जी हां, आज भारत रत्न लता मंगेशकर 88 साल की हो गई हैं। इन्हें लोग अलग-अलग नामों से भी बुलाते हैं। कोई इन्हें सुर की देवी बुलाता है, तो कोई अवाजो की जादूगरनी बोलता है। इसके अलावा लोग इन्हें ‘स्वर कोकिला’ के नाम से भी जानते हैं।

महज 13 साल की उम्र में लता मंगेशकर ने अपनी जिंदगी का सबसे पहला गाना सन् 1942 में रिकॉर्ड किया था। लता मंगेशकर ने अब तक 20 भाषाओं में 30000 गाने गाए हैं। बता दें जब से लता मंगेशकर ने गाना गाने की शुरुआत की थी तब से लेकर आज तक लता ने ना सिर्फ गानों का रिकॉर्ड बनाया है बल्कि कई सारे अवार्ड भी जीते हैं।

लता दी का जन्म 28 सितम्बर,1929 को इंदौर,मध्यप्रदेश में हुआ था। उनके पिता का नाम दीनानाथ मंगेशकर था जो एक कुशल रंगमंचीय गायक थे। लता को गाने का सलीका अपने पिता दीनानाथ जी से मिला। जब लता पांच साल की थी तभी से उनके पिता ने उन्हें संगीत सीखाना शुरू किया था। उनके साथ उनकी बहनें आशा, ऊषा और मीना भी सीखा करतीं थीं। महज 13 साल की थी तो लता मंगेशकर के पिता का देहांत हो गया।

13 साल की उम्र में लता मंगेशकर ने अपनी जिंदगी का सबसे पहला गाना सन् 1942 में रिकॉर्ड किया था। यह गीत एक मराठी फिल्म के लिए था।

पिता के देहांत के बाद लता दी मुंबई आईं। इस दौरान उन्होंने मास्टर और मेंटर विनायक की गाइडेंस में काम किया। विनायक 1930 के फिल्म मेकर थे और लता दी के फैमिली फ्रेंड थे।

उन्होंने बॉलीवुड में अपना पहला गाना “आएगा आने वाला”,1949 में आई फिल्म ताजमहल में गाया। इसके बाद उनकी चर्चाएं जोरों से होने लगी।

लता मंगेशकर का पहला हिंदी गाना

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इस बीच आपने उस समय के सभी प्रसिद्ध संगीतकारों के साथ काम किया। अनिल बिस्वास, सलिल चौधरी, शंकर जयकिशन, एस. डी. बर्मन, आर. डी. बर्मन, नौशाद, मदनमोहन, सी. रामचंद्र इत्यादि सभी संगीतकारों ने लता दी की प्रतिभा का लोहा माना।

लता दी का देश भक्ति गीत ऐ मेरे वतन,का गाना सुनकर लोगों के आखों में ना केवल आंसू आएं बल्कि सीमा पर खड़ जवानों को सहारा भी मिला। लता जी आज भी अकेली हैं, उन्होंने स्वयं को पूर्णत: संगीत को समर्पित कर रखा है।

सन् 1974 में दुनिया में सबसे अधिक गीत गाने का ‘गिनीज़ बुक रिकॉर्ड’ उनके नाम पर दर्ज हुआ। इन्हें 2001 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से भी नवाजा गया। इसके अलावा उनको तीन बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और ना जाने कितने पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है।

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