सेना में जल्‍द होगी Indigenous ड्रोन की एंट्री, IIIT Delhi के छात्र तैयारी में जुटे

IIIT Delhi : इसका मकसद ऐसे ड्रोन को विकसित करना है, जिसमें अर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पायलट सिस्‍टम लगा होगा।जो किसी सीमित स्‍थान में भी उड़ान भरने में सक्षम है,जहां जीपीएस काम नहीं कर पाता है।

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IIIT Delhi will make drone
IIIT Delhi

IIIT Delhi : भारतीय रक्षा व्‍यवस्‍था को मजबूत करने के साथ ही स्‍वदेशी तकनीक पर बल देते हुए जल्‍द ही यहां बनाए गए उन्‍नत ड्रोन को जल्‍द ही भारतीय सेना में शामिल कर लिया जाएगा। इंद्रप्रस्‍थ सूचना प्रौद्यौगिकी संस्‍थान दिल्‍ली यानी आईआईआईटी दिल्‍ली उन्‍नत प्रकार के ड्रोन तैयार करेगा।इसके लिए बाकयदा एआई-ऑन-एज ड्रोन टेक स्‍टार्टअप एनार्ड के साथ ड्रोन के नेविगेशन के क्षेत्र में संयुक्‍त अनुसंधान करने के लिए समझौता किया गया है।

इसका मकसद ऐसे ड्रोन को विकसित करना है, जिसमें अर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पायलट सिस्‍टम लगा होगा।जो किसी सीमित स्‍थान में भी उड़ान भरने में सक्षम है,जहां जीपीएस काम नहीं कर पाता है।इसके लिए विशेषतौर से इसके एल्‍गोरिदम को डेवलप करने पर काम तेज कर दिया गया है।

IIIT Delhi will work on Drone.
IIIT Delhi will make Drone soon.

IIIT Delhi: जानिए क्‍यों बेहद खास हैं एनोर्ड ड्रोन?

दरअसल एनोर्ड ड्रोन बेहद खास तरीके से डिजाइन किए होते हैं।इनके अंदर इनबिल्‍ट ऑटोनोमस नेविगेशन सिस्‍टम होता है,जोकि एक तरह से एआई सिस्‍टम पायलट पर आधारित होता है।इसकी खासियत है कि ये सीमित स्‍थानों पर भी पहुंच जाता है।जानकारी के अनुसार आईआईआईटी दिल्‍ली में द स्‍पेस सिस्‍टम लैबोरेटरी है, जोकि ग्‍लोबल एवं रीजनल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्‍टम पर आधारित होता है।मालूम हो कि एनोर्ड ने पिछले काफी समय से एआई एवं
ड्रोन के विकास में उल्‍लेखनीय तरक्‍की की है।यह एक आपसी सहयोग से काम करने वाली कंपनी है जोकि आधुनिक ड्रोन के डिजाइन, विकास एवं डिलीवरी में कार्यरत है।

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