Delhi School Update: शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने किया बड़ा एलान, कहा- “किताबों और यूनिफॉर्म को लेकर अब नहीं चलेगी प्राइवेट स्कूलों की मनमानी”

Delhi School Update: दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में अब किसी भी अभिभावक को महंगे दुकानों से किताबें और यूनिफॉर्म लेने के लिए प्रतिबद्ध नहीं किया जाएगा। किसी स्कूल ने िसका उल्लंघन किया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

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Daily Wages Hike
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Delhi School Update: दिल्ली सरकार ने सभी निजी स्कूलों के लिए एक दिशा-निर्देश जारी किया है। यह आदेश जारी करते हुए दिल्ली सरकार ने कहा है कि कोई भी स्कूल अब अभिभावकों को अपनी ही दुकान से किताबें और यूनिफॉर्म खरीदने के लिए मजबूर नहीं कर सकेंगे। साथ ही यह भी कहा गया है कि जिस स्कूल ने ऐसा किया उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

Sentenced to innocents on Not depositing fees, Somewhere schools Stop entry

Delhi School Update: मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर दी जानकारी

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने अपने ट्विटर अकाउंट से एक पोस्ट शेयर करते हुए इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा है, “दिल्ली के प्राइवेट स्कूल अब पेरेंट्स को अपनी ही दुकान से किताबे व यूनिफॉर्म खरीदने के लिए बाध्य नही कर सकेंगे। हर स्कूल को आसपास की कम से कम 5 दुकानों की सूची जारी करनी होगी जहा से किताबे व ड्रेस खरीदी जा सकेंगी। इस आदेश की अवहेलना करने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”

Delhi School Update: शिक्षा निदेशालय (DoE) की तरफ से कहा गया है कि दिल्ली में सभी प्राइवेट स्कूल ट्रस्ट और सोसइटी के द्वारा “No Profit No Loss” के आधार पर चलाए जाते हैं, इसलिए ऐसे में “लाभ और व्यवसायीकरण की कोई गुंजाइश नहीं है।” अब अभिभावकों अपने बच्चों के लिए किसी भी दुकान से किताबें और यूनिफॉर्म ले सकते हैं।

Delhi School Update: स्कूलों के लिए जारी किए गए निर्देश

सभी स्कूलों को यह आदेश दिया गया है कि वो किसी अभिभावक को महंगी जगहों से किताबें और यूनिफॉर्म लेने के लिए बाधित नहीं करेगा। साथ ही सभी स्कूलों को यह कहा गया है कि वो अभिभावकों को स्कूल के नजदीक के कम से कम 5 दुकानों के विकल्प देगी जहां से अभिभावक अपने अनुसार बच्चों की जरूरत की चीजें ले सकें। सभी स्कूलों को अब कम से कम तीन सालों तक यूनिफॉर्म का रंग और डिजाइन बदलने की अनुमति नहीं है। यानी अब सभी अभिभावक अपनी सुविधानुसार बच्चों के लिए सभी वस्तुओं लेने के लिए आजाद है।

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