एक तरफ जहां भारत में लगातार बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, गिरती अर्थव्यवस्था की बातचीत हो रही है तो वहीं दूसरी तरफ यह उम्मीद लगाया जा रहा है कि अगले 10 सालों में भारतीय अर्थव्यवस्था बढ़कर 6 खरब डॉलर हो जाएगी। अगर ऐसा होता है तो भारत जापान और जर्मनी को पीछे छोड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी। इसका मतलब यह है कि महज 10 सालों के भीतर भारत विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन सकता है।

बता दें कि यह दावा वैश्विक वित्तीय सेवा फर्म मॉर्गन स्टेनली द्वारा के एक रिपोर्ट में किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक इसके पीछे डिजिटलीकरण का महत्वपूर्ण योगदान होगा।

मॉर्गन स्टेनली के मुताबिक, भारत का डिजिटलीकरण अभियान आने वाले दशक में (सकल घरेलू उत्पाद) जीडीपी की वृद्धि दर को 0.50-0.75 प्रतिशत (50-75 आधार अंक) बढ़ाएगा। इससे 2026-27 तक भारत की अर्थव्यवस्था 6 खरब डॉलर की ओर बढ़ेगी और उच्च मध्यम आय की स्थिति हासिल कर लेगी।

इसके अलावा मॉर्गन स्टेनली मॉर्गन स्टेनली अनुसंधान केंद्र, भारत के प्रमुख रिद्धम देसाई ने कहा कि, आने वाले साल में भारत की वास्तविक और सांकेतिक GDP की सालाना ग्रोथ रेट क्रमश: 7.1 प्रतिशत और 11.2 प्रतिशत हो जाएगी। बुधवार को जारी इंडिया डिजिटल लीप-द ट्रिलियन डॉलर ऑपोर्च्‍युनिटी का हवाला देते हुए देसाई ने कहा कि GST के क्रियान्वयन समेत अन्य छोटी समस्याओं के अलावा, 2018 में आर्थिक गतिविधियों में बदलाव की संभावना है

हालांकि इससे पहले  ब्रिटिश ब्रोकरेज फर्म एचएसबीसी ने कहा था कि भारत में अभी समाजिक कार्यों की योजनाएं अपर्याप्त है। इसके अलावा एचएसबीसी का मानना था कि भारत को बिजनेस करने का माहौल तैयार करने के लिए काफी काम करना होगा। उसके अगले दस सालों में जर्मनी और जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की संभावना है। भारत की अर्थव्यवस्था अभी दुनिया में पांचवे नंबर पर है।

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