विज्ञान जगत हमेशा से ही मानव जीवन के लिए वरदान साबित हुआ है और इस क्षेत्र में भारत के वैज्ञानिक भी किसी से कम नहीं हैं। ‘भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान’, खड़गपुर के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा कारनामा कर दिखाया हैं, जिसे जानकर आप सभी को हैरानी भी होगी और साथ ही साथ गर्व भी महसूस होगा। बता दे ‘आईआईटी’ के वैज्ञानिकों ने प्याज के छिलकों के इस्तेमाल से एक ऐसे उपकरण का आविष्कार किया हैं, जो शरीर के गतिवधियों से ग्रीन बिजली उत्पन्न करने में सक्षम होगा। इस बिजली का इस्तेमाल पेसमेकर, स्मार्ट गोलियों और पहनने योग्य इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों में किया जाएगा।

प्रदूषण नहीं फैलाएगा ये उपकरण

वैज्ञानिकों ने बताया, गैर विषाक्त और जैविक तरीके से निर्मित यह उपकरण, प्याज के छिलकों में मौजूद विद्युत आवेश संबंधी (पीजियोइलेक्ट्रिक) गुणों का इस्तेमाल करता है। बता दे पीजियोइलेक्ट्रिक वस्तुएं ऊर्जा को यांत्रिक गति से बिजली में बदलने की क्षमता से नियुक्त होती है। साथ ही साथ पीजोइलेक्ट्रिक चीजों के इस्तेमाल से पर्यावरण में बिना किसी भी तरह के प्रदूषण को फैलाए, शरीर की गति को हरित ऊर्जा में बदला जा सकेगा।

विज्ञान जगत के लिए बड़ी उपलब्धि

आईआईटी संस्थान के प्रोफेसर भानू भूषण खटुआ ने बताया, ‘‘हाथों से निर्मित सस्ता और टिकाऊ यह उपकरण विज्ञान जगह को प्राप्त बड़ी उपलब्धि हैं। इस उपकरण का इस्तेमाल करना इतना सरल है, कि आम जनता भी आसानी से इसका इस्तेमाल करके ऊर्जा का उत्पादन करने में सक्षम होगी’’। शोधकर्ताओं ने इस बात की उम्मीद जताई हैं कि कुछ और शोधों के बाद इस तकनीक को व्यवसायिक इस्तेमाल में लाया जा सकेगा।

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