दिसंबर का पहला हफ्ता महिला सुरक्षा के नाम रहेगा, इसकी घोषणा खुद यूपी पुलिस ने की। 4 दिसंबर से 10 दिसंबर तक महिलाओं को उनके अधिकारों का ज्ञान कराने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। महिला सप्ताह के पहले दिन 4 दिसम्बर को यूपी के डीजीपी सुलखान सिंह इस पूरे कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे। इस अभियान के तहत डीजीपी दिल्ली के किसी भी एक स्कूल में जाकर छात्राओं को उनके अधिकारों और हितों के बारे में जानकारी देंगे, जिससे छात्राएं अपने हक की लड़ाई स्वयं लड़ सके। डीजीपी के अलावा अन्य पुलिस कर्मियों ने भी इस सफ्ताह महिलाओं और छात्राओं को उनके कानूनी अधिकारों से सजग कराने का बेढ़ा उठाया हैं, जिसके अंतर्गत यूपी पुलिस के अधिकारी प्रदेश के विभिन्न स्कूल, कॉलेजों में जाकर नारी सुरक्षा का व्याख्यान देंगे।
यूपी पुलिस कटघरे में
उत्तर प्रदेश में महिलाओं और बच्चिओं के साथ अपराध का ग्राफ लगातार ऊपर की ओर बढ़ता जा रहा हैं। हर रोज महिलाओं, बच्चियों और किशोरियों के साथ कोई न कोई ऐसी अमानवीय घटना घटित होती रहती हैं , जिसके बाद यूपी पुलिस की कार्यप्रणाली पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। आलम ये हैं कि इस समय देश में उत्तर प्रदेश को अपराध का प्रमुख अड्डा माना जाने लगा है। अपनी कार्यप्रणाली पर उठते सवालों और उठती उगलियों को नीचे करने के लिए ही ये जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
छात्राओं को सशक्त करना पुलिस की जिम्मेदारी: डीजीपी
डीजीपी सुलखान सिंह का मानना है कि यूपी में अपराध पर अंकुश लगाने के लिए छात्राओं को उनके कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक करना सबसे जरूरी है। इसलिए इस हफ्ते पुलिस ने छात्राओं को सशक्त करने की जिम्मेदारी अपने कंधो पर उठाई है। मौजूदा वक्त में यूपी पुलिस की ओर से नारी सुरक्षा के लिए कई योजनाएं बनाई तो गई है, लेकिन छात्राएं पुलिस द्वारा मुहैयां कराई गई सेवाओं से अबतक अंजान हैं, जिस कारण से यूपी में अपराध थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। इसलिए दिसंबर के पहले हफ्ते में यूपी पुलिस के अधिकारी विभिन्न स्कूल, कॉलेजों में जाकर छात्राओं को सशक्त करने के लिए डायल-100, एंटी रोमियो स्क्वायड, वीमेन पॉवर लाइन-1090, ट्विटर सेवा के साथ सेफ्टी टिप्स के बारे में जानकारी उपलब्ध कराएंगे।
महिलाओं के लिए यूपी और मध्यप्रदेश असुरक्षित
एनसीआरबी द्वारा ‘30 नवम्बर 2016’ को जब भारत में अपराधों के आंकड़े सांझा किए गए तो बेहद ही चौकानें वाले परिणाम सामने आए। महिलाओं के साथ बलात्कार के मामले में मध्यप्रदेश पूरी तरह से असफल रहा। आंकड़ो के अनुसार मध्यप्रदेश को पहला स्थान दिया गया, जबकि उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर रहा।
न करे आंख बंद करके विश्वास-
एनसीआरबी के आंकड़ो ने पुलिस प्रशासन के सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी। लेकिन इन आंकड़ों से एक और बात सामने आई कि ‘घर का भेदी लंका ढाए’ यानि परायों से ज्यादा नुकसान अपने पहुंचाते हैं। भारत में हुई बलात्कार की 38,947 घटनाओं में से 33098 घटनाओं में दोषी एक ऐसा व्यक्ति निकला जो पीड़िता का बहुत करीबी था। जिस पर आंख मूंद कर विश्वास किया गया।
इस जागरूकता अभियान के तहत छात्राओं को इस बात से भी अवगत कराया जाएगा कि किसी पर भी आंख बंद करके विश्वास न करे और किसी भी तरह की खतरे की घंटी महसूस करे तो तुरंत वीमेन पॉवर लाइन-1090 पर शिकायत दर्ज करे। ये हेल्पलाइन पूरी तरह से नि:शुल्क है इस पर शिकायत दर्ज होते ही तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।