राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर “मुंह को खाने” वाला पाकिस्तान सुधरने का नाम नहीं ले रहा हैं। सोमवार सुबह जम्मू-कश्मीर के कृष्णा घाटी और नौशेरा सेक्टर में पाक रेंजर्स ने फिर से युद्धविराम का उल्लंघन किया। जिसपर जवाबी कार्यवाही में भारतीय सेना पाकिस्तान को लगातार माकूल जवाब दे रही है। खबरों के अनुसार जून माह में पाक की ओर से कुल 9वीं बार और पिछले 72 घंटों में छठी बार पाकिस्तान की ओर से सीजफायर का उल्लंघन किया गया है।

उधर, पाकिस्तान से तल्ख रिश्तों के बीच भारत ने एक सकारात्मक कदम उठाते हुए 11 पाकिस्तानी कैदियों को रिहा करने का फैसला लिया है। हालांकि, पाकिस्तान ने इस कदम का स्वागत करने के बजाय इसे भारत की जिम्मेदारी करार दिया है। जिसपर पाकिस्तान सरकार ने कहा,’इन सभी कैदियों ने अपनी सजा पूरी कर ली है इसलिए भारत उन्हें रिहा कर रहा है। इससे पहले भारत ने 2016 में गलती से भारतीय सीमा में घुस आए दो पाकिस्तानी बच्चों को वापस भेज चुका है।आपको बता दें कि पाकिस्तान की जेलों में 132 भारतीय कैदी अपनी सजा पूरी करने के बावजूद बंद है। जिसे पाक सरकार ने रिहा नहीं किया हैं।

जम्मू-कश्मीर के कृष्णा घाटी और नौशेरा सेक्टर में पाक रेंजर्स के द्वारा युद्धविराम का उल्लंघन जैसे संवेदनशील मामले को लेकर एपीएन न्यूज के विशेष कार्यक्रम मुद्दा में इस अहम मुद्दे पर चर्चा हुई। जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ ले.जन. (रि) ए के बख्शी (रक्षा विशेषज्ञ), सुरेश कुमार गोयल (पूर्व राजनायिक), शुभ्रो कमल दत्ता (विदेशी मामलों के जानकार), डॉ. हिलाल नकवी (प्रवक्ता, कांग्रेस), गोविंद पंत राजू (सलाहकार संपादक एपीएन) और नरेंद्र सिंह राणा (प्रवक्ता बीजेपी) शामिल थे। शो का संचालन एंकर हिमांशु ने किया।

ले.जन. (रि) ए के बख्शी ने कहा कि बॉर्डर पर तैनात भारतीय जवान सीमा के अलावा आंतरिक गतिविधियों पर भी पैनी नजर बनाए रखते हैं। अंदर की परिस्थितियों में जो उबाल आई है या लाई गई है इससे निपटने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।

नरेंद्र सिंह राणा ने कहा कि भारत के कूटनीति, विदेश नीति व सुरक्षा नीतियों का पूरा विश्व लोहा मान रहा है। पिछले कुछ सप्ताह से भारतीय सेना डिफेंस के दौरान पाक को करारा जवाब दे रही हैं। पाकिस्तानी सरकार और पाक सेना जानती है कि बरसात और ठंड़ के मौसमों में वह घुसपैठ को अंजाम नहीं दे सकती है, इसलिए वह गर्मियों का सहारा लेकर घुसपैठ को अंजाम दे रही हैं।

शुभ्रो कमल दत्ता ने कहा कि पाक द्वारा सीजफायर के उल्लंघन को लेकर यह देखना उचित होगा कि घाटी में छुपे ऐसे कौन-कौन से अराजकतत्व हैं जो मानवाधिकार का लाभ उठाकर घुसपैठियों को पनाह देने में मदद कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि सी पैक के नामकरण को लेकर चीन ने भारत को प्रस्ताव भेज विचार करने की सलाह मांगी है।

सुरेश कुमार गोयल ने कहा कि बॉर्डर पर सीमा सुरक्षा को लेकर भारत सरकार असफल नहीं रही बल्कि पाकिस्तान आज आतंकवाद का केंद्र बिन्दू बन चुका है। आज पाकिस्तान की कमर दो प्रकार से तोड़ी जा सकती है, पहला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करके, दूसरा पाकिस्तान सेना के आक्रामक रुख पर प्रतिक्रिया अपनाकर।

डॉ. हिलाल नकवी ने कहा कि चीन के इकनॉमिक प्रोग्राम में पाकिस्तान का बेहद महत्वपूर्ण रोल है, यही कारण है कि जब भी पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग पड़ता है तो चीन उसे मदद करता है। वहीं  एनएसजी की सदस्यता को लेकर भी चीन पाकिस्तान की मदद के लिए खड़ा है।

गोविंद पंत राजू ने कहा कि भारतीय घुसपैठ पर अंतरराष्ट्रीय स्तर द्वारा या पाक सरकार की नीति के द्वारा ही विराम चिन्ह लग सकता है, क्योंकि पाक सीमा पर तैनात जवान केवल अपने अधिकारियों के आदेशों का पालन कर सकते है कुछ और नहीं। रही बात सी पैक के नामकरण की तो यह चीन द्वारा काबिज अक्षर चीन के भारतीय रेखा के अंतर्गत आता है। यह पश्चिमी चीन का वह गलियारा है जो चीन के व्यापार को मध्य एशिया सहित पूरे यूरोप को जोड़ता है।

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