मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में छह किसानों की मौत के बाद से तनाव और हिंसा का दौर जारी है। गुरुवार को एमपी के मंदसौर, देवास, नीमच, धार और इंदौर सहित कई हिस्सों में प्रदर्शनकारियों ने लूटपाट, आगजनी, तोड़फोड़ और पथराव किया। साथ ही एक टोल प्लाज़ा में तोड़फोड़ कर वहां रखे 8-10 लाख रुपये लूट लिए। इस बीच राज्‍य गृंह मंत्री भूपेंद्र सिंह का बड़ा बयान सामने आया है। उन्‍होंने गुरुवार को कहा कि जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि मंदसौर में मारे गए किसानों की मौत पुलिस गोलीबारी के कारण हुई थी। उधर, हालत बिगड़ता देख मंदसौर के कलेक्टर स्वतंत्र कुमार सिंह और एसपी ओपी त्रिपाठी का ट्रांसफर कर दिया गया है।

बुधवार को मदंसौर के लिए रवाना हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, सांसद कमलनाथ और सचिन पायलट सहित कांग्रेस कार्यकर्ताओं को प्रशासन ने रास्ते में रोककर हिरासत में ले लिया। जिसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की। हालात बद से बदतर होते चले जा रहे हैं। ऐसे में केंद्र और राज्य सरकार को हालात पर काबू पाने के लिए जल्द फैसला लेना होगा।

गुरुवार 8 जून को एपीएन न्यूज के विशेष कार्यक्रम मुद्दा में एमपी में किसानों द्वारा लूटपाट, आगजनी, तोड़फोड़ और पथराव जैसे संवेदनशील मुद्दे पर चर्चा हुई। इस अहम मुद्दे पर चर्चा के लिए विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल थे। इन लोगों में विवेकानंद शंकर पाटिल (किसान नेता, शेतकरी संघ), राकेश टिकैत (किसान नेता), डॉ. हिलाल नकवी (प्रवक्ता कांग्रेस), शलभ मणि त्रिपाठी (प्रवक्ता बीजेपी), अनिल दुबे (प्रवक्ता आरएलडी) और  गोविंद पंत राजू (सलाहकार संपादक एपीएन) शामिल थे। शो का संचालन एंकर हिमांशु ने किया।

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि भारत जैसे कृषि प्रधान देश की हालत आज बिगड़ती जा रही है। एक निजी रिपोर्ट के मुताबिक अब तक 3 लाख किसानों ने आत्मदाह कर लिया है लेकिन असल मायनों में यह आंकड़ा 20 लाख के करीब है, लेकिन किसी भी किसान नेता, पीएम व सीएम ने इस पर गंभीर चिंतन नहीं किया। जिसका फायदा किसान आंदोलन के रूप में ऐसे अराजक तत्व उठा रहे है जो इसे हिंसक बना रहे हैं।

बीजेपी प्रवक्ता शलभमंणि त्रिपाठी ने कहा कि किसान कभी हिंसक नहीं थे, उन्होंने सदैव राष्ट्र हित में योगदान दिया भला वह कैसे किसी को नुकसान पहुंचा सकते हैं? देश का अन्नदाता क्यों किसी बस, ट्रेन व ट्रेन की पटरियों को नुकसान पहुंचाएगा? किसानों ने पहले भी आंदोलन किया है जो उनका हक है लेकिन हमें उन किसानों में उन अराजक तत्वों को बाहर लाना है जो किसानों की आड़ में हिंसा फैला रहे हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. हिलाल नकवी ने कहा कि आज सभी बीजेपी शासित प्रदेश किसानों, मजदूरों, व दलित से आंदोलित हैं। इनकी आवाज को क्रूरता पूर्वक लाठी और गोली के बल पर दबाया जा रहा हैं। उधर, सरकार ने ऋणमाफी, फसल मूल्य में बढ़ोत्तरी व फसल बर्बादी पर अपने हाथ खड़े कर लिए। किसानों का एक सहारा मनरेगा था जिसे सरकार ने निष्क्रिय कर दिया है तो किसान अपने परिवार का भरण पोषण कैसे कर सकता है?

आरएलडी प्रवक्ता अनिल दुबे ने कहा कि झूठे सरकार के झूठे वादे, सरकार ने सत्ता में आने से पहले ऋणमाफी की बात की लेकिन सत्ता में आने के बाद उन्होंने केवल 2015-16 के लघु और सीमांत किसानों के ऋण को माफ किया। पीएम ने मन की बात के माध्यम से किसानों और मजदूरों से अपने मन की बात की लेकिन उनके मन की बातों को समझने में मात खा गए।

सलाहकार संपादक गोविंद पंत राजू ने कहा कि किसानों के आत्मदाह का सिलसिला मोदी सरकार में शुरु नहीं हुआ है और यह निजी आंकड़े केवल तीन वर्षों के नहीं हैं। ऋणमाफी किसानों के हित का एक माध्यम है न की समाधान, सरकार को इसका समाधान खोजना पड़ेगा। आज किसानों का अस्तित्व खतरे में है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here