भारतीय हॉकी के दिग्गज ध्यानचंद को काफी लंबे समय से भारत रत्न देने की मांग चल रही है लेकिन अब हालात को देखकर लगता है कि यह मांग जल्द ही पूरी हो सकती है। केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल ने प्रधानमंत्री कार्यालय को चिट्ठी लिख भारत रत्न के लिए ध्यानचंद के नाम की सिफारिश की है। जिसके बाद से उम्मीद की जा रही है कि यह सिफारिश जल्द ही मंजूर भी की जा सकती है। खेल मंत्रालय ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न देने का आग्रह किया है। आपको बता दें कि इस महान हॉकी खिलाड़ी को भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिलाने की मंत्रालय की यह एक नई कोशिश है। खेल मंत्री विजय गोयल ने कहा कि उन्होंने इस संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा है कि उन्हें मरणोपरांत यह सम्मान देना देश को दी गई उनकी सेवाओं की सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
यह पहली बार नहीं है जब खेल मंत्रालय ने ध्यानचंद के लिए भारत रत्न की मांग की है। इससे पहले भी कई बार ध्यानचंद को भारत रत्न देने की मांग उठती रही है। 2011 में 82 सांसदों ने युवा एवं खेल मंत्रालय से ध्यानचंद को भारत रत्न देने की अपील की। इसके बाद 2013 में यूपीए सरकार ने महान क्रिकेटर सचिन तेंडुलकर को सम्मान के लिए चुना था। हालांकि उसी साल सचिन तेंदुलकर के संन्यास लेने के कुछ ही घंटों के बाद इसकी घोषणा की गई सचिन इस पुरस्कार को पाने वाले पहले खिलाड़ी बनेंगे। हॉकी खिलाड़ी ध्यानचंद को भारत रत्न दिलाने की मांग के लिए जुटे पूर्व दिग्गज खिलाड़ियों ने मंच से निराशा जताते हुए बताया कि पहला भारत रत्न ध्यानचंद को मिलना चाहिए था लेकिन उनके साथ सही न्याय नहीं हुआ।
इसके बाद 2014 में भी हॉकी खिलाड़ियों ने मार्च निकालकर तत्कालीन प्रधानमंत्री से मांग भी की थी। 2016 में राज्यसभा सदस्य दिलीप टर्की ने भी संसद में ध्यानचंद को भारत रत्न न देने के सवाल को उठाया था लेकिन अब तक सरकार ने इस अपील को पूरी तरह से नजरअंदाज किया है। इन सबके बाद खुद केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर महान हॉकी खिलाड़ी ध्यानचंद जिन्होंने भारत को 1928, 1932 और 1936 में तीन ओलंपिक स्वर्ण पदक दिलाने में मदद की, उन्हें देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान देने की सिफारिश की है।