CDS General Bipin Rawat का जन्म उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में हुआ था। जनरल रावत की माताजी परमार वंश से थीं। इनके पूर्वज मायापुर से गढ़वाल के परसई गांव में आकर बस गए। रावत एक मिल्ट्री टाईटल है जो विभिन्न राजपूत शासकों को दिए गये थे। इनके पिता लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत (Lachu Singh Rawat alias Laxman Singh Rawat) सेना से लेफ्टिनेंट जनरल के पद से सेवानिवृत्त हुए। रावत ने ग्यारहवीं गोरखा राइफल की पांचवीं बटालियन से 1978 में अपने करियर की शुरुआत की थी। 8 दिसम्बर 2021 को तमिलनाडु में कुन्नूर के पास भारतीय वायुसेना का एक एमआई -17 हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हो गया। इस हेलीकॉप्टर में जनरल बिपिन रावत अपनी पत्नी Madhulika Rawat के साथ सवार थें। इसी हेलीकॉप्टर में सेना के उच्च अधिकारी समेत 14 सैन्यकर्मी भी सवार थें जिनकी इस हादसे में मौत हो गई।

CDS General Bipin Rawat ने देहरादून में कैंबरीन हॉल स्कूल, शिमला में सेंट एडवर्ड स्कूल और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून से शिक्षा ली, जहां उन्हें ‘सोर्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया। वह फोर्ट लीवनवर्थ, यूएसए में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन और हायर कमांड कोर्स के स्नातक भी हैं। उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से डिफेंस स्टडीज में एमफिल, प्रबंधन में डिप्लोमा और कम्प्यूटर स्टडीज में भी डिप्लोमा किया है। 2011 में उन्हें सैन्य-मीडिया सामरिक अध्ययनों पर अनुसंधान के लिए चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ द्वारा डॉक्टरेट ऑफ़ फिलॉसफी से सम्मानित किया गया था।
CDS General Bipin Rawat की कई पीढ़ी सेना में रही है। जनरल रावत ने जनवरी 1979 में सेना में मिजोरम में प्रथम नियुक्ति पाई। उसके बाद उन्होंने नेफा इलाके में तैनाती के दौरान बटालियन की अगुवाई की। कांगो में संयुक्त राष्ट्र की पीस कीपिंग फोर्स की भी अगुवाई की। 01 सितंबर 2016 को सेना के उप-प्रमुख का पद संभाला और 31 दिसंबर 2016 को सेना प्रमुख का पद संभाला। जनवरी 2020 में उन्हें देश का पहला CDS नियुक्त किया गया। CDS General Bipin Rawat की शादी Madhulika Raje Singh से हुई थी। बिपिन रावत और मधुलिका रावत की दो बेटियां, Kritika Rawat और Tarini Rawat हैं।

8 दिसम्बर 2021 को तमिलनाडु में कुन्नूर के पास भारतीय वायुसेना का एक एमआई -17 वीएच हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हो गया। इस हेलीकॉप्टर में जनरल बिपिन रावत अपनी पत्नी Madhulika Rawat के साथ सवार था। इसी हेलीकॉप्टर में सेना के उच्च अधिकारी समेत 14 सैन्यकर्मी भी सवार थें जिनमें रावत सहित 13 लोगों की मौत इस हादसे में हो गई। वायुसेना ने इस हादसे के जांच का आदेश दे दिया है। यह हेलीकॉप्टर कोयंबटूर में सुलूर आईएएफ स्टेशन से उड़ान भरी थी और यह रक्षा प्रमुख को लेकर वेलिंग्टन सैन्य अधिकारी अकादमी जा रहा था।
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