Deepawali 2021: पूरी दुनिया में दीवाली को लेकर उत्साह देखने को मिल रहा है। धार्मिक मान्यता रही है कि दीवाली के दिन ही भगवान राम रावण से युद्ध जीतने के बाद अयोध्या वापस आए थे। भगवान राम ने विजयदशमी के दिन रावण का वध किया था। जिसके बाद उन्होंने अयोध्या के लिए प्रस्थान किया था। रावण वध के 21 वें दिन भगवान अयोध्या पहुंचे थे। उन्हीं की याद में दीवाली मनाया जाता है।
गूगल मैप के अनुसार राम इस रास्ते से गुजरे होंगे

अगर गूगल मैप को माना जाए तो भगवान राम ने श्रीलंका से अयोध्या आने के दौरान डमबुल्ला के चंदना से अपनी यात्रा की शुरुआत की होगी। किंबिसा, गलकुलामा, मिहिंटाले, मेडवाछिया होते हुए तलाईमन्नार के रास्ते भारत के रामेश्वरम तट पर पहुंचे होंगे। भारत में उन्होंने रामेश्वरम, कांचीपुरम, तिरुपति, नेल्लोर, ओंगले, सूर्यापेट पहुंचे होंगे। महाराष्ट्र के चंद्रपुर, नागपुर, मध्यप्रदेश के कटनी होते हुए उन्होंने उत्तर प्रदेश में एंट्री की होगी। फिर इलाबाद, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर के रास्ते अयोध्या पहुंचे होंगे।
रामायण इस बात की नहीं करता है पुष्टि
रामायण में लिखा गया है कि भगवान राम पुष्पक विमान से अयोध्या पहुंचे थे। उसमें इस बात का जिक्र नहीं है कि उन्होंने पैदल यात्रा की थी। हालांकि कुछ तथ्य बताते रहे हैं कि भगवान ने वापसी पैदल ही की थी। इन सब बातों को लेकर अब तक वैज्ञानिक आधार पर कोई भी तथ्य देखने को नहीं मिला है। हालांकि गुगल मैप की तरफ से अयोध्या से श्रीलंका की दूरी को पैदल मार्ग से लगभग 21 दिन दिखाया जाता है। हालांकि इस दौरान विश्राम के लिए समय नहीं दिया गया है।
Diwali पूजा का महत्व
Diwali पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। मान्यताओं के अनुसार दीवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। यह भी माना जाता है कि दीवाली के दिन देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करने से धन की कमी नहीं होती हैं। पूरे साल मां की कृपा भक्तों पर बनी रहती है।
दीवाली को अक्सर धन और खुशी से जोड़ा जाता है। हिंदू त्योहार से कुछ दिन पहले, लोग बड़े दिन की तैयारी के लिए अपने घरों या कार्यस्थलों को साफ करते हैं और सजाते हैं। दीपावली के दिन घरों को दीपों, मोमबत्तियों और दीयों से सजाया जाता है।
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दीवाली पर पूजा का शुभ मुहूर्त

भारत में दीवाली की तारीख: 4 नवंबर, 2021 (गुरुवार)
अमावस्या तिथि शुरू: 4 नवंबर 2021 सुबह 06:03 बजे से
अमावस्या तिथि समाप्त: 5 नवंबर 2021 सुबह 02:44 बजे तक
लक्ष्मी पूजा और भगवान गणेश पूजा का समय:
समय: 06:09 बजे से रात 08:20 बजे तक
अवधि: 1 घंटा 55 मिनट
प्रदोष काल: 17:34:09 अपराह्न से 20:10:27 अपराह्न
वृषभ काल: 18:10:29 अपराह्न से 20:06:20 अपराह्न
दीवाली पूजा विधि
सबसे पहले पूजा का संकल्प लें।
दीवाली के दिन भगवान कुबेर, भगवान गणेश, मां लक्ष्मी, मां सरस्वती के साथ पूजा करें।
ओम श्री श्री नमः का 11 बार या एक माला जाप करें।
पूजा स्थल पर एक नारियल या 11 कमलगट्टे रखें।
श्री यंत्र की पूजा करें और इसे उत्तर दिशा में रखें।
इस दिन देवी सूक्त का पाठ करें।
दीवाली क्यों मनाई जाती है?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान राम जब लंका के राजा राक्षस रावण पर विजय पाकर 14 वर्ष बाद अयोध्या लौटे तो उनके सकुशल आगमन की खुशी में प्रजा ने अपने राजा का दीप जलाकर स्वागत किया था। चारों तरफ रौशनी ही रौशनी थी तभी से दीपावली मनाई जाती है।
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