Ratan Tata: करोड़ों बुजुर्गों के लिए रतन टाटा ने उठाया ये कदम, अकेलेपन को लेकर छलका दर्द

उद्योगपति रतन टाटा का अकेलेपन को लेकर दर्द छलका है। दरअसल, उन्होंने कहा कि जब तक आप खुद अकेले समय बिताने को मजबूर नहीं होते, आपको यह एहसास नहीं हो पाता कि अकेलापन कितना बुरा होता है।

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Ratan Tata: करोड़ों बुजुर्गों के लिए रतन टाटा ने उठाया ये कदम, अकेलेपन को लेकर छलका दर्द

Ratan Tata: दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा ने मंगलवार को बुजुर्गों के अकेलेपन को दूर करने के लिए स्टार्टअप ‘Goodfellows’ में निवेश करने की घोषणा की है। ‘Goodfellows’ स्टार्टअप कंपनी युवाओं और बुजर्गों को जोड़ने का काम करती है। अब तक रतन टाटा 50 से ज्यादा कंपनियों में निवेश कर चुके हैं। ‘Goodfellows’ नाम के इस स्टार्टअप की स्थापना शांतनु नायडू ने की है। शांतनु फिलहाल टाटा ऑफिस में जनरल मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। शांतनु 2018 से रतन टाटा के सहायक हैं।

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अकेलेपन को लेकर छलका रतन टाटा का दर्द

उद्योगपति रतन टाटा का अकेलेपन को लेकर दर्द छलका है। दरअसल, उन्होंने कहा कि जब तक आप खुद अकेले समय बिताने को मजबूर नहीं होते तब तक आपको यह एहसास नहीं हो पाता कि अकेलापन कितना बुरा होता है। बुढ़ापे में ध्‍यान रखने वाले साथी का होना एक चुनौती है और जब तक आप खुद बूढ़े नहीं होते, उनके दर्द का पता नहीं चलता। उन्‍होंने ‘Goodfellows’ स्टार्टअप के संस्थापक शांतनु नायडू के स्‍टार्टअप को शुरू करने के लिए सराहना भी की।

वहीं इस दौरान शांतनु नायडु ने रतन टाटा को बॉस कहकर संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया में 5 करोड़ बुजुर्ग हैं।

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कौन हैं ‘Goodfellows’ स्टार्टअप के संस्थापक शांतनु नायडू?

शांतनु नायडू की उम्र अभी महज 25 वर्ष है। शांतनु ने कॉर्नेल विश्वविद्यालय से MBA की पढ़ाई की है। वो रतन टाटा की कंपनी में जनरल मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। बता दें कि शांतनु ने इंजीनियरिंग की भी पढ़ाई की है। उन्होंने इससे पहले स्ट्रीट डॉग्स के लिए भी एक स्टार्टअप किया था।

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