Facebook अब Meta के नाम से जाना जाएगा। इस बात की घोषणा फेसबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मार्क जकरबर्ग ने गुरुवार को की। उन्होंने Facebook के नाम से जिस कंपनी की स्थापना की, वह अब मेटा के नाम से खुद को बदल रहा है।
कंपनी ने Facebook के नाम में यह बदलाव एक नए लोगो के साथ किया है, जिसे अनंत-आकार (इनफिनिटी) के सिंबल की तरह डिज़ाइन किया गया है।
इस संबंध में Facebook के मालिक मार्क जकरबर्ग ने घोषणा की है कि फेसबुक, इंस्टाग्राम और अन्य ऐप अपने पुराने स्वरूप में बने रहेंगे, लेकिन ये सभी एक ही प्लेटफॉर्म यानी मेटा कंपनी के छतरी के नीचे आ जाएंगे।
मार्क जकबबर्ग ने स्वयं इसकी घोषणा की
जकरबर्ग ने भविष्य के फेसबुक के तकनीकी दांव को प्रदर्शित करने के लिए एक वर्चुअल प्रोग्राम में बोलते हुए कहा,”मैं इस नए अध्याय के साथ अपनी पहचान के बारे में बहुत सोच रहा था। समय के साथ, मुझे आशा है कि हमें एक मेटावर्स कंपनी के रूप में देखा जाएगा।”
जकरबर्ग ने मेटावर्स के निर्माण के लिए अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया। दरअसल यह ऑनलाइन, वर्चुअल और ऑगमेंटेड रियलटी को मिलाने वाला एक कंपोजिट यूनिवर्स है जिसे लोग बिना किसी परेशानी से पार कर सकते हैं। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि कंपनी का अगला प्रमुख सोशल प्लेटफॉर्म मेटावर्स हो सकता है और आने वाले 10 वर्षों में कई तकनीकी कंपनियां इसका निर्माण करेंगी।
फेसबुक पर लगे रहें कई तरह के अनैतिक आरोप
दरअसल नाम में यह बदलाव उस सामने आया है, जब फेसबुक को कई तरह की परेशानियों से दो-चार होना पड़ रहा है। द हिल की रिपोर्ट के मुताबिक इस सप्ताह दर्जनों समाचार ऐसे हैं जिसमें व्हिसलब्लोअर द्वारा दिये गये Facebook के आंतरिक दस्तावेजों के आधार पर कहा गया है कि कंपनी की छवि ऐसी बन रही है कि जो यूजर्स की सुरक्षा के उपर अपने लाभ को अधिक प्राथमिकता देती है।
Facebook के इस नए मेटावर्स मॉडल की जानकारी बहुत कम हैं, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप समेत कंपनी के सबी ऐप्स मेटा कंपनी के अंतर्गत होंगे। द हिल ने बताया कि यह पुनर्गठन ठीक उसी तरह है जैसा Google ने 2015 में किया था जब उसने अल्फाबेट का गठन किया था।
गौरतलब है कि Metaverse शब्द का सबसे पहले इस्तेमाल साइंस फिक्शन लेखक नील स्टीफेन्सन ने साल 1992 में अपने उपन्यास ‘Snow Crash’ में किया था। Metaverse जैसे अनेक शब्द अंग्रेजी नॉवेल से ही पैदा हुए हैं। जैसे साल 1982 में विलियम गिब्सन की किताब में सबसे पहले ‘साइबरस्पेस’ शब्द का प्रयोग मिलता है। ठीक उसी तरह साल 1920 में ‘रोबोट’ शब्द कैरेल कापेक के एक नाटक से पैदा हुआ।
Metaverse का जन्म एपल, फेसबुक, गूगल और माइक्रोसॉफ्ट की तरह ही माना जा सकता है। जिस तरह से सूचना प्रोद्योगिकी के विकास में इन कंपनियों का एक अहम स्थान है और ठीक उसी श्रेणी में आप Metaverse की उत्पत्ति को भी रख सकते हैं।
इसे भी पढ़ें: Facebook बदल सकता है अपना नाम, जुकरबर्ग ‘Metaverse’ में तलाश रहे हैं संभावनाएं
Facebook Inc. मेटावर्स बनाने के लिए 10,000 नियुक्तियां करेगा, 50 मिलियन निवेश की योजना