बीते कुछ दिनों में बिहार की राजनीति में बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। जहां कुछ लोग बिहार में सरकार के परिवर्तन को नीतीश को मास्टरमाइन्ड बता रहें वहीं कई लोगों के द्वारा नीतीश पर अवसरवादी होने के तंज कसे जा रहे हैं। आरोप-प्रत्यारोप के इस दौर में अब राजनीतिक रणनीतिकार और जन सुराज के मुखिया प्रशांत किशोर प्रशांत किशोर भी कूद चुके हैं, उन्होंने बिहार सीएम नीतीश कुमार पर जुबानी हमला बोलते हुए कहा है कि नीतीश कुमार एक चतुर आदमी नहीं, बल्कि निहायत ही धूर्त व्यक्ति हैं और वे बिहार की 13 करोड़ की जनता को ठग रहे हैं। उन्होंने आगे बड़ा बयान देते हुए कहा कि जेडीयू को विधानसभा चुनाव में 20 विधायक भी नसीब नहीं होंगे, अगर ऐसा हो गया तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा।
मीडिया द्वारा जब नीतीश कुमार का गठबंधन बदलने पर जनता के रिएक्शन के बारे में पूछा गया तो इसका जवाब देते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, ‘आप लिखकर रखिए कि नीतीश कुमार अब चाहे जिस गठबंधन में लड़े या भाजपा के साथ लड़े, अगली बार विधानसभा चुनाव में इन्हें 20 से कम विधायक आएंगे। जेडीयू को आगामी विधानसभा चुनाव में 20 विधायक भी नहीं आएंगे, अगर आएंगे तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा।’
उन्होंने आगे कहा, ‘नीतीश कुमार चाहें भाजपा के साथ लड़ें, महागठबंधन के साथ लड़ें या किसी के साथ लड़ें, बिहार की जनता इतनी बेवकूफ नहीं है। आज जनता इतनी व्याकुल है, जनता ने नीतीश कुमार को वोट किया, लेकिन ये आदमी बार-बार पलटा है। जनता आज कितना असहाय महसूस कर रही है और नीतीश कुमार खुद को चतुर समझ रहे हैं, लेकिन ये आदमी चतुर नहीं निहायत धूर्त आदमी है। जो पूरे बिहार की 13 करोड़ की जनता को मूर्ख बनाकर ठग रहा है। अगले चुनाव में बिहार की जनता सूध समेत इसका हिसाब करेगी।’
‘हार का डर ले गया भाजपा की शरण में’- प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने जनता का सीएम नीतीश कुमार के प्रति गुस्से की बात कहते हुए कहा, ‘मैं दावे के साथ कैमरे पर कह रहा हूं कि अगर किसी एक नेता के खिलाफ जनता में सबसे ज्यादा गुस्सा है, तो वे है नीतीश कुमार। आप किसी भी वर्ग से बात करके देख लीजिए, किसी सामान्य नेता से बात कीजिए, पब्लिक से बात कीजिए, नीतीश कुमार के अपने सपोर्टर, वोटर और पार्टी के नेताओं से बात कीजिए। हर आदमी आज नीतीश कुमार के खिलाफ अपशब्द और गलत बात ही कह रहा है।
प्रशांत किशोर ने मीडिया के माध्यम से कहा, ‘ऐसा मत समझिए कि बिहार की जनता समझती नही है। ये वही नीतीश कुमार हैं जिन्हें 2010 में इनके नाम और चेहरे पर बिहार की जनता ने 206 विधायकों को जिताया था और आज यही नीतीश कुमार हैं, जिनके 42 विधायक जीते हुए हैं और चुनाव में हारने के डर से भाजपा की शरण में गए हैं। अगर, भाजपा का साथ नहीं रहा तो खाता भी नहीं खुलेगा।