सपा प्रमुख अखिलेश यादव और संरक्षक मुलायम सिंह यादव में अब भी कुछ ठीक नहीं चल रहा। इसकी झलक हमें फिर देखने को मिली जब मुलायम लखनऊ में होते हुए भी अखिलेश द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी में नहीं पहुंचे। इसके साथ ही चाचा शिवपाल यादव और पार्टी के मुस्लिम चेहरे आजम खान भी इस पार्टी से नदारद नजर आए।
सपा की इस इफ्तार पार्टी को यादव कुनबे में सुलह के अवसर के रूप में भी देखा जा रहा था, लेकिन मुलायम और शिवपाल की अनुपस्थिति ने साफ कर दिया कि अभी परिवार में सबकुछ ठीक नहीं है। सपा इस इफ्तार पार्टी को राज्य का सबसे बड़ा आयोजन बता रही थी। 1992 में पार्टी के गठन के बाद से पार्टी इफ्तार का आयोजन कर रही है और यह पहला मौका था जब मुलायम और शिवपाल सपा की इफ्तार पार्टी से गैरमौजूद रहे। पिछले वर्ष बीमार रहने के बावजूद भी वह इफ्तार पार्टी में शामिल हुए थे। हालांकि इस इफ्तार कार्यक्रम में खालिद रशीद फरंगी महली, जफरयाब जीलानी जैसे मुस्लिम नेताओं के अलावा सपा नेताओं अहमद हसन, किरणमय नंदा समेत बड़ी संख्या में पार्टी नेताओं ने शिरकत की।
गौरतलब है कि गत 1 जनवरी को हुए सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में मुलायम की जगह अखिलेश को सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया गया था, जबकि शिवपाल को सपा के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। बाद में कई अन्य मुद्दों को लेकर भी अखिलेश और मुलायम के बीच मतभेद खुलकर सामने आए थे। अभी हाल के राष्ट्रपति चुनाव को लेकर भी अखिलेश और मुलायम में मतभेद साफ दिख रहे हैं। जहां मुलायम ने खुल कर एनडीए के उम्मीदवार के समर्थन की घोषणा की है वहीं अखिलेश यादव ने इसको लेकर अभी पत्ते नहीं खोले है। वहीं सपा प्रवक्ता इसे मुलायम सिंह यादव की व्यक्तिगत राय बता रहे हैं।