शिवसेना के चुनाव चिन्ह पर अब भी तकरार, EC ने उद्धव गुट से मांगा जवाब

इस साल जून में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले 55 में से 40 से अधिक विधायकों ने महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी सरकार को गिरा दिया था। शिंदे ने 40 अन्य विधायकों के साथ मिलकर भाजपा के समर्थन से राज्य में सरकार बनाई है।

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Shinde claims Shiv Sena symbol
Shinde claims Shiv Sena symbol

Maharashtra News: शिवसेना के एकनाथ शिंदे धड़े ने शुक्रवार को चुनाव आयोग (EC) से मुलाकात की। शिंदे गुट ने पार्टी के ‘धनुष और तीर’ चुनाव चिह्न पर दावा किया था। वहीं, चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर कल दोपहर 2:00 बजे तक दावे पर जवाब मांगा है। एक पत्र में चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे से 8 अक्टूबर को दोपहर 2.00 बजे तक आवश्यक दस्तावेजों के साथ टिप्पणी प्रस्तुत करने को कहा है। उद्धव गुट को चुनाव आयोग का निर्देश शिंदे खेमे की ओर से एक ज्ञापन सौंपने के बाद आया है जिसमें अंधेरी पूर्व निर्वाचन क्षेत्र में आगामी उपचुनाव के मद्देनजर शिवसेना के चुनाव चिन्ह के आवंटन की मांग की गई है।

Maharashtra News: उपचुनाव में ठाकरे गुट का समर्थन करेगी राकांपा

शिवसेना के शिंदे धड़े ने 3 नवंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए विधायक रमेश लटके की विधवा रुतुजा लटके को मैदान में उतारने का फैसला किया है। शिवसेना के शिंदे धड़े के नेता राहुल शेवाले ने समाचार एजेंसी पीटीआई के हवाले से कहा, “हम पार्टी चुनाव चिह्न के संबंध में शुक्रवार को चुनाव आयोग से मिल रहे हैं।” शिंदे गुट की सहयोगी भाजपा ने रमेश लटके की मौत के कारण हुए उपचुनाव में मुंबई नगर निगम के पार्षद मुरजी पटेल को मैदान में उतारने का फैसला किया है। वहीं, कांग्रेस और राकांपा ने शिवसेना के ठाकरे गुट के उम्मीदवार, महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (MVA) में उनके गठबंधन सहयोगी का समर्थन करने का फैसला किया है।

Shiv Sena: Uddhav Thackeray and Eknath Shinde (File Photo)
Shiv Sena: Uddhav Thackeray and Eknath Shinde (File Photo)

जून में शिंदे ने गिरा दिया था अघाड़ी सरकार

बताते चले कि इस साल जून में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले 55 में से 40 से अधिक विधायकों ने महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी सरकार को गिरा दिया था। शिंदे ने 40 अन्य विधायकों के साथ मिलकर भाजपा के समर्थन से राज्य में सरकार बनाई है। नई सरकार बनने के बाद उद्धव गुट ने एक याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि शिंदे गुट के विधायक किसी अन्य राजनीतिक दल के साथ विलय करके ही संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत अयोग्यता से खुद को बचा सकते हैं।

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