कर्नाटक के साथ सीमा विवाद पर महाराष्ट्र विधानसभा में प्रस्ताव पास, CM शिंदे बोले- 865 गांव…

1956 से है महाराष्ट्र और कर्नाटक सीमा विवाद

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Maharashtra Karnataka border issue: महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे
Maharashtra Karnataka border issue: महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे

Maharashtra Karnataka border issue: महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस विवाद को लेकर दोनों ही राज्यों की सरकारों के साथ जनता में भी साफ चिंता झलकती है। सीमा विवाद पर कर्नाटक विधानसभा में हाल ही में एक प्रस्ताव पास किया गया था। वहीं, अब महाराष्ट्र विधानसभा में भी सर्वसहमति से सीमा विवाद के बीच एक प्रस्ताव पास किया गया है। राज्य के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि कर्नाटक के 865 गावों को हम अपने राज्य में शामिल करेंगे।

Maharashtra Karnataka border issue: महाराष्ट्र विधानसभा में सीमा विवाद पर प्रस्ताव पास
Maharashtra Karnataka border issue: महाराष्ट्र विधानसभा में सीमा विवाद पर प्रस्ताव पास

Maharashtra Karnataka border issue: केंद्र के पास भेजा जाएगा प्रस्ताव

मंगलवार को महाराष्ट्र विधानसभा में कर्नाटक के साथ सीमा विवाद पर एक प्रस्ताव रखा गया, जिसे सर्वसहमति से पास किया गया। प्रस्ताव में कहा गया है कि कर्नाटक के कारवार, बेलगांव, निपानी शहर सहित 865 गांवों की इंच-इंच जमीन महाराष्ट्र में शामिल करने के लिए सभी जरूरी कानूनी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सरकार कदम उठाएगी।

वहीं, प्रस्ताव को पढ़ते हुए सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा “केंद्र सरकार को केंद्रीय गृह मंत्री के साथ बैठक में लिए गए निर्णय को लागू करने के लिए कर्नाटक सरकार से आग्रह करना चाहिए और सीमावर्ती क्षेत्रों में मराठी लोगों की सुरक्षा की गारंटी देने के लिए सरकार को समझना चाहिए।” प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि सीमा विवाद के बीच फंसे गांवों के लोगों के साथ महाराष्ट्र सरकार पूरी ताकत के साथ खड़ी है। विधानसभा में महाराष्ट्र सरकार ने बताया कि जल्द ही इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा।

1956 से है महाराष्ट्र और कर्नाटक सीमा विवाद
महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद 1956 के राज्य पुनर्गठन अधिनियम के कार्यान्वयन के समय से चला आ रहा है। तत्कालीन महाराष्ट्र सरकार ने कर्नाटक के साथ अपनी सीमा के पुन: समायोजन की मांग की थी। इसके बाद दोनों राज्यों की ओर से चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया। महाराष्ट्र सरकार ने मुख्य रूप से कन्नड़ भाषी 260 गांवों को स्थानांतरित करने की इच्छा व्यक्त की थी, लेकिन कर्नाटक द्वारा प्रस्ताव को ठुकरा दिया गया था। बाद में दोनों सरकारों ने इस सीमा विवाद मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

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