Haryana Diwas: ‘देसां में देस हरियाणा, जित दूध-दही का खाणा’, खेलों से लेकर स्‍मार्ट सिटी तक सफलता के 56 वर्ष

Haryana Diwas: आज हरियाणा अपनी स्‍थापना के 56 वर्ष पूरा कर चुका है।जाट बहुल क्षेत्र और उपजाऊ मिट्टी से लेकर खेलों में देश को अलग पहचान दिलाने वाले हरियाणा का गठन 1 नवंबर 1966 को हुआ था।हालां‍कि भाषा के आधार पर अलग राज्‍य की मांग स्‍वतंत्रता पूर्व ही उठ चुकी थी।

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Haryana Diwas :

Haryana Diwas:देश का ऐसा हिस्‍सा जहां की धरती उपजती है सोना, देसी खाना और दंगल है जहां की पहचान, जी हां हम जिक्र कर रहे हैं हरियाणा का। आज हरियाणा अपनी स्‍थापना के 56 वर्ष पूरा कर चुका है।जाट बहुल क्षेत्र और उपजाऊ मिट्टी से लेकर खेलों में देश को अलग पहचान दिलाने वाले हरियाणा का गठन 1 नवंबर 1966 को हुआ था।हालां‍कि भाषा के आधार पर अलग राज्‍य की मांग स्‍वतंत्रता पूर्व ही उठ चुकी थी।

पहले मुख्‍यमंत्री बीडी.शर्मा थे, मनोहरलाल खट्टर राज्‍य के 10वें मुख्‍यमंत्री हैं।हरियाणा के गठन से लेकर अब तक यहां की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में जबरदस्‍त बदलाव देखने को मिला है।आज यहां के कई प्रमुख शहर लगातार सफलता के पायदान चढ़ते हुए स्‍मार्ट सिटी से लेकर साइबर सिटी तक का सफर पूरा कर चुके हैं।हरियाणा दिवस के मौके पर सीएम मनोहर लाल ने सीएम डैशबोर्ड तथा सीएम उपहार पोर्टल लॉन्च किया।आइये जानते हैं कुछ ऐसे की बदलावों के बारे में।

Haryana Diwas: जानें कैसे पड़ा नाम हरियाणा?

देश के 17वें राज्‍य के रूप में अस्तित्‍व में आया हरियाणा प्राचीन काल में ब्रह्मवर्त, आर्यवर्त तथा ब्रह्मोपदेश के नाम से विख्यात था। हरियाणा में कई राजाओं ने राज किया जिनमें से गुप्त सम्राज्य सर्वप्रथम था, उसके बाद अन्य कई राजाओं का शासनकाल रहा जैसे पुष्यभूति वंश, गुर्जर प्रतिहार राजवंश, तोमर वंश, मुगल, दुर्रानी, मराठा सम्राज्य।आधुनिक काल में ग्वालियर राज्य तथा ब्रिटिश राज तक सिलसिला चलता रहा। हरियाणा नाम के पीछे भी गहन अर्थ छिपा हुआ है।दरअसल हरियाणा एक प्राचीन नाम है जिसका अभिप्राय देवता से है। “हरि” अर्थात भगवान “याणा” अर्थात अवतरित होना। इससे स्पष्ट है कि धन्य है ये भूमि जहां पर भगवान का निवास है।

Haryana Diwas: देसां में देस हरियाणा, जित दूध-दही का खाणा’

देसां में देस हरियाणा, जित दूध-दही का खाणा’ यहां की प्रचलित कहावत है। इसी के अनुसार यहां के लोगों को रहन-सहन भी है। खासतौर से उत्‍तर और पश्चिम हरियाणा जिसके अंतर्गत आने वाले जिले सिरसा, रोहतक, भिवानी, फतेहाबाद, हिसार हैं। यहां के लोगों का अधिकतर काम कृषि से संबंधित है। यही वजह है कि धान से लेकर गेहूं और दुग्‍ध उत्‍पादन में हरियाणा अव्‍वल है।वहीं हैंडलूम नगरी पानीपत जहां देश ही नहीं विदेशों में भी बेडशीट, कुशन कवर, कंबल से लेकर हैंडलूम के तमाम उत्‍पादों की भरमार है।

Haryana Diwas: देहात से साइबर सिटी तक पहुंचा सफर

हरियाणा गठन के बाद से यहां कई जिलों का सफर देहात से लेकर आज साइबर सिटी तक पहुंच गया है। कहीं औद्योगिक नगरी फरीदाबाद, मिलेनियम सिटी और साइबर सिटी के नाम से मशहूर गुरुग्राम आज इंटरनेशनल लेवल तक पहचान बना चुका है। यहां कई दिग्‍गज मल्‍टीनेशनल कंपनियों के कार्यालय हैं।इसके साथ राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्‍थान भी गुरुग्राम में ही बना है।

Haryana Diwas: कुरुक्षेत्र से लेकर सूरजकुंड तक,अरावली की वादियों में रचा बसा है हरियाणा

बात अगर यहां के फेमस टूरिस्‍ट डेस्टिनेशन की हो तो बहुत कुछ खास हैं यहां पर मसलन कुरुक्षेत्र का तीर्थ, ब्रहम सरोवर, कर्ण लेक करनाल, किंगडम ऑफ ड्रीम्स, मोरनी हिल पंचकूला, लोको शेड रेवाड़ी, सूरजकुंड, दमदमा लेक गुरुग्राम। इसके साथ ही यहां पर ऐसे पर्यटन स्‍थलों की भरमार है जो धार्मिक होने के साथ लोगों की आस्‍था से भी जुड़े हुए हैं।

Haryana Diwas: मिट्टी से निकाले सोना, ऐसा है हरियाणा का धाखड़ छोरा

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Haryana Diwas.

बात अगर खेलकूद की हो तो पूरे देश में हरियाणा का पहला स्‍थान आता है। ओलंपिक से लेकर कॉमनवेल्‍थ, जिला स्‍तर से लेकर नेशनल लेवल तक हर जगह हरियाणा के युवाओं ने देश का मान बढ़ाया है। गीता फोगट, बबीता फोगट, बजरंग पुनिया, दीपा मलिक, नीरज चोपड़ा, योगेश्‍वर दत्‍त, ममता खरब रानी रामपाल से लेकर फेहरिस्‍त काफी लंबी है। यही वजह है कि यहां की सरकार ने खिलाडि़यों के विकास और मनोबल बढ़ाने के लिए खास योजनाएं भी बनाईं हैं।

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