Delhi-NCR Pollution: Diwali से पहले हवा ‘बेहद खराब’, त्योहार के बाद वायु गुणवत्ता और खराब होने का अनुमान, जानें आपके Area का स्टेटस…

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Pollution In Delhi: दिवाली से पहले ही राजधानी की हवा हुई जहरीली, आनंद विहार में AQI लेवल पहुंचा खतरनाक स्तर पर
Pollution In Delhi: दिवाली से पहले ही राजधानी की हवा हुई जहरीली, आनंद विहार में AQI लेवल पहुंचा खतरनाक स्तर पर

दीवाली की सुबह दिल्ली में हवा की गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ रही। जानकारों का कहना है कि त्योहार के बाद पटाखे फोड़ने के चलते हवा की गुणवत्ता और खराब होने का अनुमान है। राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) सुबह आठ बजे 341 पर रहा, जो बुधवार को शाम चार बजे 314 था। 24 घंटे का औसत एक्यूआई मंगलवार को 303 और सोमवार को 281 था।

पटाखों से हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ हो सकती है

शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 को ‘मध्यम’, 201 और 300 को ‘खराब’, 301 और 400 को ‘बहुत खराब’ और 401 और 500 को ‘गंभीर’ माना जाता है। सफर ने कहा कि अगर पटाखे जलाए जाते हैं तो 5 और 6 नवंबर को हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ हो सकती है।

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान एजेंसी ने कहा कि बुधवार को दिल्ली के प्रदूषण में 8 प्रतिशत योगदान पराली के धुएं का था। गुरुवार (दीवाली) को यह बढ़कर 20 फीसदी और शुक्रवार और शनिवार को 35 से 40 फीसदी हो सकता है।

उत्तर-पश्चिमी हवाएं पंजाब और हरियाणा में पराली के धुएं को दिल्ली की ओर ले जाती हैं। पिछले साल, दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी 5 नवंबर को 42 प्रतिशत पर पहुंच गई थी। 2019 में, यह हिस्सेदारी 44 प्रतिशत थी।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को केंद्र से अपील की थी कि वह पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश को दीवाली के दौरान पराली जलाने पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए एक एडवाइजरी जारी करे ताकि त्योहार के बाद लोग आराम से सांस ले सकें।

वायु प्रदूषण में पराली के धुएं का रहता है योगदान

दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने का योगदान पिछले साल दीवाली के दिन 32 प्रतिशत था, जबकि 2019 में यह 19 प्रतिशत था। अक्टूबर में रिकॉर्ड तोड़ बारिश और पराली जलाने से धुएं की “प्रतिकूल” हवा की दिशा के कारण दिल्ली के वायु प्रदूषण में पराली के धुएं का योगदान इस मौसम में अब तक कम रहा है।

SAFAR ने कहा कि अगले तीन दिनों तक दिल्ली की स्थानीय हवा की स्थिति “बहुत शांत” रहने की उम्मीद है। पटाखे न फोड़े जाने की स्थिति में दिल्ली की पीएम 2.5 कॉन्सनट्रेशन 4 नवंबर से 6 नवंबर तक ‘बहुत खराब’ श्रेणी के ऊपरी छोर पर रहने का अनुमान है। सफर ने कहा, “हालांकि, अगर हम 2019 के पटाखों के भार का 50 प्रतिशत मानते हैं, तो इस अवधि के दौरान एक्यूआई के ‘गंभीर’ श्रेणी में आने का अनुमान है।”

राष्ट्रीय राजधानी में पीएम 2.5 की कॉन्सनट्रेशन 5 नवंबर को 500 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर को पार कर सकती है। सुरक्षित सीमा 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर है। 27 अक्टूबर को, दिल्ली सरकार ने पटाखे फोड़ने के खिलाफ जागरूकता पैदा करने के लिए ‘पटाखे नहीं दिए जलाओ’ अभियान शुरू किया था।

अभियान के तहत पटाखे जलाने वाले पाए जाने पर संबंधित आईपीसी प्रावधानों और कानून के तहत कार्रवाई की जा रही है। 28 सितंबर को, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने 1 जनवरी, 2022 तक राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों की बिक्री और फोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है।

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