DERC अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर CM केजरीवाल और LG के बीच टकराव, सुप्रीम कोर्ट ने दोनों को जारी किया नोटिस

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Arvind Kejriwal
Kejriwal V/S LG

दिल्ली इलैक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन के चेयरपर्सन की नियुक्ति को लेकर अरविंद केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल वीके सक्सेना आमने सामने आ गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने आज दिल्ली सरकार और केंद्र को नोटिस जारी किया और इस पद के लिए शपथ समारोह स्थगित कर दिया गया। अदालत ने कहा कि उपराज्यपाल आम आदमी पार्टी सरकार को 11 जुलाई को अगली सुनवाई तक दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) के अध्यक्ष पद के लिए न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) उमेश कुमार को शपथ दिलाने के लिए नहीं कहेंगे।

गौरतलब है कि केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच राजधानी के नौकरशाहों को लेकर रस्साकशी चल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने मई में फैसला सुनाया था कि चुनी हुई सरकार को दिल्ली के अधिकारियों पर नियंत्रण रखना चाहिए और उपराज्यपाल का अधिकार सार्वजनिक व्यवस्था, कानून और भूमि तक ही सीमित रहेगा। इसके तुरंत बाद, केंद्र ने दिल्ली के नौकरशाहों पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए एक अध्यादेश लाया, जिसके बाद अरविंद केजरीवाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा।

दिल्ली सरकार ने बिजली नियामक के अध्यक्ष की नियुक्ति के उपराज्यपाल के कदम को चुनौती देने के लिए एक अलग याचिका दायर की। इसमें आरोप लगाया गया कि यह भाजपा शासित केंद्र द्वारा AAP सरकार द्वारा राजधानी के निवासियों को दी जाने वाली बिजली सब्सिडी को रोकने का एक प्रयास है। इसके जवाब में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, ”मुफ्त बिजली को कोई नहीं रोक रहा है।” मेहता ने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार जानबूझकर नए डीईआरसी प्रमुख को शपथ दिलाने में देरी कर रही है।

इससे पहले, उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार से इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति उमेश कुमार को आज सुबह 10 बजे तक पद की शपथ दिलाने को कहा था। हालांकि, दिल्ली की बिजली मंत्री आतिशी ने”स्वास्थ्य समस्या” का हवाला दिया और शपथ समारोह स्थगित करना पड़ा।

इस पर उपराज्यपाल ने कहा, “यह कहना अजीब लगता है कि 21 जून, 2023 को जारी भारत के राष्ट्रपति की अधिसूचना को आज के डिजिटल युग में मंत्री की अनुपलब्धता के कारण प्रभावी नहीं किया जा रहा है।”

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